जानिए मोदी के असम दौरे में वहां के 1.6 लाख मूल निवासियों को क्या तोहफा दिया है

जनता से रिश्ता वेब डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी को असम में एक बड़ी योजना की शुरुआत की. इस कार्यक्रम के तहत शिवसागर में 1.6 लाख लोगों को जमीन आवंटन प्रमाणपत्र वितरित किए गए. शिवसागर जिले के जेरेंगा पठार में बसे इन आदिवासियों को जमीन का पट्टा देकर पीएम मोदी ने अपनी सरकार की योजनाएं गिनाईं और कहा कि राज्य और केंद्र सरकार का डबल इंजन असम का विकास तेजी से करेगा.
अपने भाषण की शुरुआत में पीएम ने कहा कि असम सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है. एक लाख से अधिक मूल निवासियों को जमीन का स्वामित्व सौंपा गया है. मूल निवासियों की अपनी जमीन से जुड़ाव को कानूनी संरक्षण दिया गया है. ये काम शिवसागर में जेरेंगा पठार की धरती पर हो रहा है. ये जमीन जॉयमति की बलिदान भूमि है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मना रहा है. इस दिन की पहचान अब पराक्रम दिवस के रूप में होगी. नेताजी का स्मरण आज भी हमें प्रेरणा देता है. इस मौके पर अनेक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं. हम ऐसी संस्कृति के ध्वजवाहक हैं जहां हमारी जमीन केवल गाद पत्थर मिट्टी नहीं है, माता का रूप है. असम की महान संतान भारत रत्न भूपेन हजारिका ने भी इस बात को कहा था. उन्होंने कहा,
"आजादी के इतने सालों के बाद भी असम में लाखों ऐसे परिवार थे जिन्हें अपनी जमीन पर कानूनी अधिकार नहीं मिल पाया था. आदिवासी क्षेत्रों की एक बड़ी आबादी भूमिहीन रह गई. जब हमारी सरकार बनी तब भी छह लाख मूल निवासी परिवार ऐसे थे जिनके पास कानूनी कागज नहीं थे. पहले की सरकारों में आपकी चिंता उनकी प्राथमिकता में नहीं थी."
Distribution of land pattas/allotment certificates at the large public meeting in Sivasagar was a historic occasion. This will ensure a life of dignity for many and protect Assam's unique culture. pic.twitter.com/Y3vyvRfFfB
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2021
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज असम के मूल निवासियों की भाषा, उनकी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कोशिशें की जा रही हैं. नई लैंड पॉलिसी बनाई गई है. बीते सालों में सवा दो लाख से अधिक मूल निवासी परिवारों को भूमि के पट्टे सौंपे जा चुके हैं. अब इसमें एक लाख से अधिक परिवार और जुड़ जाएंगे. उन्होंने कहा,
"जमीन का पट्टा मिलने से मूल निवासियों की मांग तो पूरी हुई ही है, लाखों लोगों का जीवनस्तर बेहतर होने का रास्ता भी बना है. अब उन्हें केंद्र सरकार की योजनाओं का भी लाभ मिल पाएगा जिनसे ये लोग अभी तक वंचित थे. अब इन्हें पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा. वे इस जमीन पर बैंकों से लोन आसानी से ले पाएंगे."
सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चल रही हमारी सरकार असम के हर हिस्से में, हर वर्ग को तेजी से विकास का लाभ पहुंचाने में जुटी है।
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2021
पहले चाय जनजाति की क्या स्थिति हो गई थी, ये सब जानते हैं।
अब जाकर चाय जनजाति को घर और शौचालय जैसी मूल सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। pic.twitter.com/20LoU43bga
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम की 70 जनजातियों को सामाजिक संरक्षण देते हुए उनका तेजी से विकास हमारी सरकार की विशेषता रही है. असमिया भाषा और साहित्य को स्थान देने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं. श्रीमन शंकर देव जी का दर्शन, उनकी शिक्षा पूरे देश, पूरी मानवता के लिए अमूल्य संपत्ति है. बीते साढ़े चार सालों में आस्था, कला से जुड़ी ऐतिहासिक वस्तुओं को संजोने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. काजीरंगा को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा,
"देश के लिए नॉर्थ ईस्ट और असम का तेज विकास बहुत जरूरी है. आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब सुविधाएं मिलती हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधरता है. असम में लगभग पौने दो करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले गए हैं. इनकी बदौलत सीधी मदद भेजना संभव हो पाया है. यहां की 40 फीसदी आबादी को फ्री इलाज की सुविधा मिली है. 100 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंच चुकी है. पानी का कनेक्शन दिया गया है. केंद्र औऱ राज्य सरकार का डबल इंजन लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए काम कर रहा है. इन सुविधाओं का लाभ बहनों और बेटियों को होता है. अब उज्जवला की वजह से LPG कवरेज बढ़ कर 99 प्रतिशत हो गया है."
उन्होंने कहा कि असम के गांवों में 11 हजार किलोमीटर सड़कें बनाई गईं. जलमार्गों से कनेक्टिविटी पर भी फोकस किया जा रहा है. रेल और एयर कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ रहा है. उद्योग की संभावना बढ़ रही हैं. ऐसी सुविधाओं से असम में उद्योगों को नया बल मिल रहा है. तेल और गैस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत बड़ा इन्वेस्टमेंट किया गया है.
असम का मूल निवासी कौन है?
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि BJP सरकार 'जाति, माटी और भीती' की रक्षा के लिए काम कर रही है. जाति से यहां मतलब है असम के ट्राइबल्स से, पिछड़ी जातियों से. माटी से मतलब है उनकी ज़मीनों से. और भीती का मतलब है मूल. यानी इन्हें असम के मूल नागरिक कहकर संबोधित किया जा रहा है.
क्यों अहम है असम?
2016 के विधानसभा चुनाव में BJP ने 126 सीटों में से 60 पर जीत हासिल की थी. अपने सहयोगी असम गण परिषद (AGP) और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (BPF) के साथ मिलकर ये संख्या 86 सीटों तक पहुंचाई. इस तरह असम में पहली बार BJP की सरकार बनी. ये पूर्वोत्तर की राजनीति में पैठ बनाने के लिहाज से काफी अहम साबित हुआ. अब BJP दोबारा और बड़ी जीत हासिल कर असम को अपना गढ़ भी बनाना चाहेगी.