x
नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ बुलडोजर चलाने का एक्शन होने वाला है. अब उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने हिंसा के आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने का ऐलान किया है. निगम के इस फैसले के बाद सुबह से ही जहांगीरपुरी में हलचल भरा माहौल है. लोग अपना सामान हटा रहे हैं. वहीं, सुरक्षाबलों ने फ्लैगमार्च भी किया.
दरअसल, दिल्ली नगर निगम आज से दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाने वाली है. यूं तो एमसीडी ऐसे अभियान वक्त-वक्त पर चलाती रहती है लेकिन 16 अप्रैल को जहांगीपुरी में हुई हिंसा को देखते हुए आज के अभियान ने मध्य प्रदेश के खरगोन की याद ताजा कर दी है, जहां दंगे के आरोपियों के संपत्तियों पर शिवराज सरकार ने बुलडोजर चलवा दिया था.
जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण हटाने का अभियान चलाने का एमसीडी का फैसला दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता की दिल्ली के मेयर को लिखी चिट्ठी के बाद आया है. आदेश गुप्ता ने चिट्ठी में कहा था, 'जहांगीरपुरी में निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव करने वाले दंगाइयों को स्थानीय AAP MLA एवं निगम पार्षद का संरक्षण प्राप्त है, इन दंगाइयों द्वारा किए गए अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को चिन्हित कर उस पर तुरंत बुलडोजर चलाया जाए!'
इस चिट्ठी के बाद एमसीडी ने जहांगीरपुरी इलाके में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ आज और कल दो दिन का अभियान चलाने का फैसला लिया है. MCD ने इसके लिए दिल्ली पुलिस से 400 जवान मांगे हैं.
एमसीडी के इस एक्शन का एआईआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने तीखा विरोध किया है. ओवैसी ट्वीट किया, 'बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है. अतिक्रमण के नाम पर यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी घर तोड़े जाएंगे. कोई नोटिस नहीं, कोर्ट जाने का मौका नहीं... यह सिर्फ गरीब मुस्लिमों को सजा है. केजरीवाल को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए.'
वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह ने कहा, 'अमित शाह और भाजपा दिल्ली के शांति पूर्वक माहौल को खराब करना चाहती है. MCD का इस्तेमाल कर अब जहांगीरपुरी में अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चलाने और एक खास समुदाय को प्रताड़ित करने का नया फरमान जारी कर दिया गया है. समय रहते लगाम नहीं लगी तो ये घटिया राजनीति देश को ले डूबेगी!'
जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच 30 फोन नंबरों पर टिक गई है. सूत्रों के मुताबिक, ये 30 फोन नंबर अंसार, असलम, सोनू और एक नाबालिग आरोपी से जुड़े हैं. क्राइम ब्रांच की टीम अंसार, असलम और सोनू के भी घटना वाले दिन की लोकेशन से लेकर कॉल डिटेल रिकॉर्ड को खंगालने में जुटी है.
सूत्रों के मुताबिक, हिंसा में इस्तेमाल हुई पिस्टल मुहैया कराने वाला गुलाम रसूल ऊर्फ गुल्ली ने पूछताछ में बताया है कि उसने घटना वाले दिन नाबालिग बच्चों को हथियार दिए थे. गोली चलाने वाले सोनू उर्फ चिकना उर्फ यूसुफ को गुल्ली ने ही दस हजार रुपए में पिस्तौल दी थी.
सूत्रों के मुताबिक, जहांगीरपुरी हिंसा से जुड़े वीडियो, फोटो, सीसीटीवी फुटेज और लोकल इनपुट के आधार में क्राइम ब्रांच ने करीब 300 उपद्रवियों की पहचान की है. उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
jantaserishta.com
Next Story