किसान आंदोलन: सिंधु बॉर्डर बवाल में दिल्ली पुलिस का एक्शन, दंगा समेत कई धाराओं में FIR
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर सोमवार को लगातार पांचवें दिन भी जमे रहे. दिल्ली में एंट्री के तीन रास्तों पर सैकड़ों किसान डेरा डालकर बैठे हैं और दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने पर अड़े हुए हैं. सरकार ने जिस बुराड़ी मैदान को किसानों के लिए आरक्षित किया था वो इन किसानों को ओपन जेल जैसा लगने लगा है और जो किसान वहां पहुंचे थे वो वापस लौट रहे हैं.
सिंधु और टिकरी बॉर्डर बंद
फिलहाल, सिंधु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर पूरी तरह बंद है. गाजियाबाद बॉर्डर पर भी भारी संख्या में किसान डेरा-डंडा गाड़े बैठे हैं. सिंधु बॉर्डर पर किसानों की तादाद 2 से 3 हजार है. टिकरी बॉर्डर पर 1500 किसान जमे हुए हैं जबकि दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर इनकी संख्या 1000 के करीब है. किसानों की संख्या घटती बढ़ती रहती है. बैरिकेंडिंग के दूसरी तरफ पुलिस भी पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद है.
किसान अब दिल्ली के बाकी बॉर्डर को बंद करने की तैयारी में हैं. सूत्रों के मुताबिक खबर है कि राजस्थान के किसानों को दिल्ली-जयपुर बॉर्डर को बंद करने को कहा गया है जबकि आगरा-मथुरा हाईवे को भी बंद किया जाएगा यानी दिल्ली पूरी तरह से सील करने की कोशिश होगी.
क्या है किसानों की मांग
किसानों की दो मांग हैं. पहली ये कि उनकी बात सुनी जाए और उन्हें दिल्ली के जंतर-मंतर तक जाने दिया जाए. दूसरी मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर है. बहरहाल, किसानों ने मन बना लिया है कि लड़ाई लंबी चले तो भी पीछे नहीं हटेंगे. अन्नदाता पूरी तैयारी से जुटे हैं. ट्रैक्टर-ट्रॉली घर बन गया है, सड़क पर लंगर लग गए हैं, किसान शिफ्ट में धरना दे रहे हैं- एक दल धरने पर बैठता है तो दूसरा दल खाने-पीने के समान की व्यवस्था करता है. सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है.