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33 मृतकों के परिजन को मिलेगा 17-17 लाख का मुआवजा, गैस सिलेंडर हादसे में गंवानी पड़ी जान

Nilmani Pal
19 Dec 2022 1:36 AM GMT
33 मृतकों के परिजन को मिलेगा 17-17 लाख का मुआवजा, गैस सिलेंडर हादसे में गंवानी पड़ी जान
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सीएम ने की घोषणा

जोधपुर। जिले के शेरगढ़ में भूंगरा गांव में गैस सिलेंडर त्रासदी के मामले में रविवार रात धरना समाप्त हो गया है. मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद मृतक के आश्रितों को 17 लाख, घायलों को 5 लाख और मृतक आश्रित सदस्य को संविदा पर नौकरी देने की मांगों पर सहमति बन पाई है. इससे पूर्व रविवार सुबह से ही राजस्थान के कई जिलों से हजारों लोग धरने में शामिल होने पहुंचे थे. जोधपुर महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के आगे हजारों लोग हाथों में काले झंडे लिए प्रदर्शन करते हुए प्रतिनिधित्व मंडल के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. जहां कलेक्ट्रेट का घेराव कर मृतक आश्रितों के लिए प्रदर्शन करने लगे.

पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, आरएलपी प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग समेत अन्य वर्गों के नेताओं और राजपूत नेताओं ने संभागीय आयुक्त के चेंबर में पहुंचकर कई बार बातचीत की. लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी. आखिरकार कई दौर की वार्ता के बाद रविवार रात करीब 10 बजे सहमति बन गई और पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राजपुरोहित ने धरना समाप्ति की घोषणा की.

पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करीब आधा घंटा दूरभाष पर वार्ता हुई है. जिसमें मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवार को 17 लाख और घायलों को 5-5 लाख देने की बात कही है. इसके साथ ही मृतक आश्रितों को संविदा पर नौकरी देने एवं मुआवजा बढ़ाने की भी बात कही है. इसके लिए पीड़ितों को अलवर बुलाया गया है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है. संभागीय आयुक्त के मुताबिक पीड़ितों को अलग-अलग मुआवजे की रकम को मिलाकर 17 लाख रुपये मिलेंगे. जिसमें मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए, प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए, चिंजीवी बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपए, 2 लाख रुपए गैस कंपनी की ओर से और 6 लाख रुपए गैस कंपनी के इंश्योरेंस ने मृतक के परिवार को मिलेंगे.

जोधपुर जिले की शेरगढ़ तहसील के भूंगरा गांव में 8 दिसंबर (गुरुवार) को शादी के घर में चाय बनाते हुए गैस सिलेंडर फटा था. जिसमें कई दर्जन लोग घायल हुए थे. ये हादसा कितना भीषण था, इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि घटना के 10वें दिन तक कुल 33 लोगों की मौत हो चुकी है और कई की स्थिति गंभीर है. उनका इलाज चल रहा है. इसके बाद से ही लोग पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से मदद देने को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे.


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