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बच्ची का अपहरण और हत्या: कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी किया, जानें वजह

jantaserishta.com
1 Nov 2021 9:17 AM GMT
बच्ची का अपहरण और हत्या: कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी किया, जानें वजह
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कोर्ट ने दोनों को ये कहते हुए रिहा कर दिया कि बच्ची ने 'आत्महत्या' की थी, क्योंकि उसके हाथ में बंदूक मिली थी.

नई दिल्ली: दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने 17 साल की बच्ची के अपहरण और उसकी हत्या के मामले में दोनों आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने दोनों को ये कहते हुए रिहा कर दिया कि बच्ची ने 'आत्महत्या' की थी, क्योंकि उसके हाथ में बंदूक मिली थी. फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज नवजीत बुद्धिराजा ने दिल्ली पुलिस के दो इंस्पेक्टर राजबीर सिंह लांबा और नरेश सांगवान के खिलाफ जांच में चूक करने पर डिपार्टमेंट एनक्वायरी करने की सलाह भी दी है. कोर्ट ने ये भी कहा इन इंस्पेक्टर ने 'मनगढ़ंत एफआईआर' दर्ज की थी.

कोर्ट ने मृत बच्ची की मां, फोरेंसिक लैब के एक डॉक्टर और लड़की के एक दोस्त के खिलाफ भी आपराधिक कार्यवाही शुरू की है. ये तीनों इस घटना के 'चश्मदीद गवाह' थे और इन पर अदालत में झूठी गवाही देने के इल्जाम में सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू की जाएगी.
दिसंबर 2016 में नजफगढ़ इलाके में एक 17 साल की लड़की की एक मर्सिडिज कार में मौत हो गई थी. उसे गोली लगी थी. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. एक आरोपी की ये मर्सिडिज कार थी, जिसमें लड़की का शव मिला था और दूसरे आरोपी के नाम वो बंदूक थी, जिससे लड़की की मौत हुई थी.
इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि लड़की को शराब पिलाई गई थी और दोनों आरोपी उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश कर रहे थे. कोर्ट ने उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि आरोपी मृत लड़की से झगड़ रहे थे. एफआईआर में दावा किया गया था कि मुख्य आरोपी शुभम ने कार का दरवाजा खोला और लड़की को गोली मार दी.
दूसरे आरोपी योगेश को कोर्ट ने पिस्टल रखने के आरोप में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाया है. हालांकि, कोर्ट ने दोनों आरोपियों को अपहरण, हत्या, पॉक्सो और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के आरोपों से बरी कर दिया है.
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