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7 साल की मासूम का किडनैप, मां समेत दोनों बेटों को मरते दम तक कैद की सजा
jantaserishta.com
13 April 2022 2:35 PM GMT
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बड़ी खबर
नाडियाद के बहुचर्चित तान्या हत्याकांड में आज करीब 5 साल बाद कोर्ट का फैसला गया। कोर्ट ने मां समेत उसके दोनों बेटों को मरते दम तक कैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी आरोपियों को मृतक के माता-पिता को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है। आरोपियों ने करीब 5 साल पहले पड़ोस में रहने वाली 18 लाख की फिरोती के लिए 7 साल की तान्या का अपहरण कर लिया था। बाद में बच्ची को मौत के घाट उतार दिया था, क्योंकि तान्या तीनों को पहचानती थी।
18 सितम्बर की रात 7.45 बजे जब तान्या अपने घर के सामने खेल रही थी, तब मीत पटेल उसे बाहर बुलाकर अपनी कार (नम्बर जीजे 7 डीए 2046) में बिठाकर घुमाने के बहाने बाहर ले गया था। इस अपराध में भाई ध्रुव और मां जिगिशाबेन ने भी मदद की थी। अपहरण के बाद मामला पुलिस तक पहुंच गया तो तीनों को लगा कि अब पैसे नहीं मिलेंगे और तान्या तीनों को पहचानती भी है तो उनका पकड़ा जाना तय है। इसके चलते तीनों ने तान्या को जिंदा ही महिसागर नदी के ब्रिज से नीचे फेंक दिया था। दो दिन बाद तान्या का शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था। हत्या के पहले आरोपियों का प्लान तान्या को वडोदरा ले जाने का था। इसके लिए उसने अपने दो साथियों को तान्या के परिवार से फोन पर 18 लाख की फिरौती मांगने के लिए तैयार किया था। इसके लिए दोनों को एक-एक हजार रुपए दिए थे।
21 सितंबर 2017 की शाम को तान्या का शव आणंद जिले में महिसागर नदी में मिला था।
21 सितंबर 2017 की शाम को तान्या का शव आणंद जिले में महिसागर नदी में मिला था।
सट्टे में हो गया था कर्जा
आरोपियों ने तान्या के अपहरण और उसकी हत्या की बात कबूल कर ली थी। आरोपियों ने बताया कि क्रिकेट में सट्टा लगाने के चलते उन पर करीब 10 लाख रुपए का कर्जा हो गया था। इसी के चलते पड़ोस में रहने वाली व्यापारी की बेटी तान्या का अपहरण कर फिरौती का प्लान बनाया था।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर...
18 सितंबर 2017 की रात चॉकलेट का लालच देकर पड़ोसियों ने अपहरण कर लिया था।
19 सितंबर 2017 को सबसे पहले पूरी घटना की सूचना पुलिस को दी गई।
21 सितंबर 2017 की शाम को तान्या का शव आणंद जिले में महिसागर नदी में मिला था।
22 सितंबर 2017 को अपराध में यूज्ड कार के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
23 सितंबर 2017 को हजारों लोगों की मौजूदगी में तान्या का अंतिम संस्कार किया गया।
24 सितंबर 2017 को नाडियाद शहर सहित पूरे जिले में लोग मोमबत्तियां लेकर तान्या के आरोपियों को सजा दिलाने सड़कों पर उतर आए।
28 सितंबर 2017 को दोनों मुख्य आरोपियों के साथ उनकी मां को भी गिरफ्तार किया गया।
दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेने के लिए 29 सितंबर 2017 को कोर्ट में पेश किया गया था।
न्याय के 5 साल बाद 5 में से 3 आरोपियों को 13 अप्रैल 2022 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
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