भोपाल. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा करते हुए कहा कि राज्य की धरती पर लव-जिहाद का कुचक्र नहीं चलने देंगे और राज्य में केरल स्टोरी नहीं बनने देंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, "मध्य प्रदेश को हम केरल स्टोरी नहीं बनने देंगे। मध्यप्रदेश की धरती पर आतंक के लिए कोई जगह नहीं है। हमने पहले भी सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त किया है। चंबल से डकैतों के आतंक को समाप्त किया है। नक्सलवाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सीमा तक सीमित रह गया है।"
चौहान ने राज्य सरकार की सफलताओं का जिक्र करते हुए कहा, "पिछले साल ही आठ नक्सलवादी मुठभेड़ में ढेर किए गए, वहीं जैसे ही आतंकी संगठन, कट्टरपंथी, इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर प्रदेश में सक्रिय हो रहा है, इसकी जानकारी हुई तो एटीएस ने तुरंत कार्रवाई प्रारंभ की। ऐसी गतिविधियां किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इन्हें जड़ से समाप्त करना है।" आतंकी गतिविधियां संचालित करने वाले संगठनों की कार्यशैली को लेकर उन्होंने कहा, "इनका नेटवर्क ऐसा है, जो कई लोगों की जिंदगी तबाह करता है। इनका जो पैटर्न है, पहले धर्मांतरण करो, बेटी से शादी कर उसे भी धर्मांतरित करो और उसके बाद उसे आतंकवाद के दलदल में धकेल दो। मध्य प्रदेश को किसी भी कीमत पर हम केरल स्टोरी नहीं बनने देंगे।"
चौहान ने आगे कहा, "लव-जिहाद धर्मांतरण का यह कुचक्र नहीं चलेगा। मध्य प्रदेश की एटीएस की टीम और केंद्रीय एजेंसियों ने संयुक्त रूप से 10 ऐसे लोगों को भोपाल और एक को छिंदवाड़ा से पकड़ा है। सभी पुलिस रिमांड पर हैं। उनसे पूछताछ जारी है। छह आतंकी हैदराबाद से तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है, इस तरह एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है।" मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, जो आतंकी संगठन से जुड़े लोग पकड़े गए हैं उनमें भोपाल से हिंदू से धर्मांतरित एक शख्स भी शामिल है। इन सब के तार हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े हुए हैं जो कट्टरपंथी संगठन है। इनसे पूछताछ में पता चला कि रायसेन से सटे जंगल में ट्रेनिंग कैंप लगाते थे। समाज में घुलने मिलने के लिए इनमें से कोई ट्रेनर होता था। कोई कंप्यूटर टेक्नीशियन होता था तो कोई दर्जी, कोई ऑटो ड्राइवर इत्यादि का काम कर रहा था।