केरल राज्यपाल ने पढ़ाया- रामचरित मानस के दोहे और अरबी की कहावत से धर्मनिरपेक्षता का पाठ
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा नेता जगदीश ममगांई की लिखी किताब 'लहू से लिखी आजादी' का करते हुए. कार्यक्रम में मौजूद लोगों को ऋग्वेद-गीता के उपदेश, रामचरित मानस के दोहे और अरबी की कहावत के जरिए सेक्युलिरिज्म यानी धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल खान ने कहा कि भारत का सेक्युलिरिज्म कोई पश्चिम से आयातित कल्पना नहीं है। सेक्युलिरिज्म का मतलब भारत में धर्म विरोधी भावना नहीं है। सेक्युलिरिज्म का मतलब है देश में विभित्ता को स्वीकरना और उसका आदर करना है। आज दूसरे देशों की संस्कृतियां नस्ल, भाषा और धार्मिक आस्था के आधार पर प्रभावित होती है। लेकिन भारत की संस्कृति आज भी आत्मा से परिभाषित होती है। आज देश की संस्कृति ही हमारी एकता का आधार है। आज भारत ने किसी भी बांटने वाली संस्कृति को अपना आधार नहीं बनाया है। बल्कि जो बदल नहीं सकता ऐसी संस्कृति को आधार माना है। हमारी संस्कृति की मांग केवल एक ही है, अपने आप में दूसरे को देखो और सबके अंदर एक को देखो और एक में सबको देखो।