केरल के राज्यपाल ने पी विजयन सरकार के मंत्रियों को दी मर्यादाओं में रहने की नसीहत
केरल। केरल सरकार और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एक बार फिर आमने-सामने हैं. इस बार राज्यपाल ने पी विजयन सरकार के मंत्रियों को मर्यादाओं में रहने की नसीहत दी है. इसके साथ ही नाराजगी भी जताई. राज्यपाल ने कहा कि केरल ड्रग्स की राजधानी के रूप में पंजाब की जगह ले रहा है क्योंकि राज्य शराब की बिक्री को बढ़ावा दे रहा है. शत-प्रतिशत साक्षरता वाले राज्य के लिए ये कितनी शर्मनाक स्थिति है. हमारे यहां विकास के लिए लॉटरी और शराब दो मुख्य स्रोत बन गए हैं. यहां शराब के सेवन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
खान ने कहा कि केरल सरकार के कानून मंत्री कहते हैं कि वह मेरी कार्रवाई की समीक्षा करने जा रहे हैं. मैं यहां राज्यपाल के रूप में उनके कार्यों की समीक्षा करने के लिए हूं. वे मेरे द्वारा नियुक्त हैं. इसका मतलब है कि वह संविधान के प्रावधानों से परिचित नहीं हैं. क्योंकि मेधावी लोग बाहर चले गए हैं और आपके पास ये अज्ञानी राज्य पर शासन कर रहे हैं. शनिवार को राज्यपाल ने केरल में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का भी मुद्दा उठाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल की जिम्मेदारी है. राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है. अगर राज्यपाल कोईे कानून बनाते हैं तो वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रावधानों के अनुरूप होना चाहिए.
केरल के राज्यपाल ने वित्त मंत्री पर भी निशाना साधा और मर्यादा में रहने की नसीहत दी. राज्यपाल ने कहा कि वित्त मंत्री, जिनके राजस्व का मुख्य स्रोत शराब और लॉटरी है, वे सवाल उठा रहे हैं कि क्या यूपी के राज्यपाल केरल की शिक्षा प्रणाली को समझ सकते हैं. हालांकि, मैं इन सब बातों पर ध्यान नहीं देता हूं. लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा कि लाइन को क्रॉस नहीं करना चाहिए.