केरल के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर लगाया विश्वविद्यालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Pinarayi Vijayan) पर विश्वविद्यालयों में राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "मुझे राजनीतिक नियुक्तियों के लिए इस्तेमाल करने के बजाय मुख्यमंत्री को खुद चांसलर बनना चाहिए. मुझे विधानसभा की ओर एक अधिनियम के तहत कुलाधिपति बनाया गया था. वह चाहते हैं कि मैं उनके राजनीतिक एजेंडे के मुताबिक लोगों को नियुक्त करूं. मैंने उनसे कहा कि मैं अब और नहीं कर सकता, उन्हें खुद चांसलर बनना चाहिए." विश्वविद्यालयों में राजनीतिक नियुक्तियों पर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है, "आपको मेरी तरफ से सलाह कै कि आप विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में संशोधन करें और आप व्यक्तिगत रूप से कुलाधिपति का पद ग्रहण करें, ताकि आप सरकार पर निर्भरता के बिना अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा कर सकें."
राज्यपाल ने लिखा- तत्काल करें कार्रवाई
राज्यपाल ने पत्र में लिखा है, "आप महाधिवक्ता से एक कानूनी दस्तावेज तैयार करने के लिए कह सकते हैं, जिसके माध्यम से राज्यपाल कुलपति की शक्तियों को मुख्यमंत्री को हस्तांतरित कर सकते हैं. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप तत्काल कार्रवाई करें, क्योंकि कुलाधिपति के रूप में विश्वविद्यालयों को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाना मेरे लिए असंभव हो गया है."
सीएम या शिक्षा मंत्री हो सकते हैं चांसलर
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "अकादमिक के फैसले गैर-अकादमिक लोगों द्वारा नहीं लिए जाने चाहिए. केरल विधानसभा में पारित अधिनियम राज्यपाल को चांसलर बनाता है. मैंने सरकार से एक अध्यादेश लाने के लिए कहा है, जहां विश्वविद्यालय के चांसलर मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री हो सकते हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं." उन्होंने कहा "सरकार, शिक्षा विभाग के अधीन आसानी से विश्वविद्यालय चला सकती है, लेकिन विश्वविद्यालयों को किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए, उनकी स्वायत्तता का सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि हमारी शिक्षा का भविष्य हमारे विश्वविद्यालयों पर निर्भर करता है."