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कश्मीरी पंडितों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, ये है मांग

jantaserishta.com
13 May 2022 11:35 AM GMT
कश्मीरी पंडितों ने दिया सामूहिक इस्तीफा, ये है मांग
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श्रीनगर: राहुल भट्ट की हत्या को लेकर कश्मीरी पंडितों में भारी आक्रोश है. 350 सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को हत्या के विरोध में इस्तीफा दे दिया. सभी ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भेज दिया है. ये सभी कश्मीरी पंडित प्रधानमंत्री पैकेज के कर्मचारी हैं. इनका कहना है कि आतंकवादियों द्वारा सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की हत्या के बाद वे घाटी में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. वहीं शाम को कश्मीरी पंडितों ने लाल चौक पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

इससे पहले कश्मीरी पंडितों ने सुबह जम्मू-अखनूर पुराने हाई-वे जाम कर दिया. इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विरोध में जमकर नारेबाजी की. पुलिस ने आठ कश्मीरी पंडितों को हिरासत में ले लिया. वहीं चार लोग पुलिस के लाठीचार्ज में जख्मी हो गए. विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों को एयरपोर्ट की तरफ जाने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा कि राहुल भट्ट के परिजनों से मुलाकात की. मैंने उनके परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. सरकार दुख की इस घड़ी में राहुल के परिवार के साथ है. आतंकवादियों और उनके समर्थकों को उनके इस अपराध के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
वहीं राहुल भट्ट की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना और जम्मू कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम कवींद्र गुप्ता को कश्मीरी पंडितों के विरोध का सामना करना पड़ा. कश्मीरी पंडितों ने दोनों का घेराव कर नारेबाजी की. आक्रोशित कश्मीरी पंडितों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने और लाउडस्पीकर हटाने से कश्मीरी पंडियों का हल नहीं निकलेगा. अगर इस समस्या को खत्म करना है तो केंद्र सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक पाकिस्तान की तरफ उंगली उठाकर उसे दोषी ठहराते रहेंगे. आखिर हम इस समस्या को खत्म करने के लिए क्या कर रहे हैं?


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