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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: रात में रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाएगा धाम, लोकार्पण से पहले सीएम योगी ने संभाली कमान, देखें तस्वीरें

jantaserishta.com
3 Dec 2021 7:21 AM GMT
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: रात में रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाएगा धाम, लोकार्पण से पहले सीएम योगी ने संभाली कमान, देखें तस्वीरें
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश में द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण ढाई सौ साल पहले इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था और फिर आगे चलकर महाराजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर के शिखर को स्वर्ण मंडित कराया था. लेकिन तब से लेकर अब तक सदियां बीत गईं, इतने अहम तीर्थ के बावजूद उपेक्षित रहा. लेकिन अब देश के प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट बन गया है.

काशी विश्वनाथ मंदिर का जो परिसर 5 हजार वर्गफीट में भी नहीं था, अब उसका दायरा विश्वनाथ धाम या काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम से काशी विश्वनाथ विस्तारीकरण और सुंदरीकरण परियोजना के तहत बढ़कर 5 लाख 27 हजार 730 वर्ग फीट तक बढ़ गया है. इसमें श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई इमारतें हैं. 27 मंदिरों की मणिमाला भी बनकर तैयार हो रही है. पीएम मोदी इसी माह 13 दिसंबर को विश्वनाथ धाम को देश की जनता को समर्पित करने वाले हैं और इसी उपलक्ष्य में 14 दिसंबर से 13 जनवरी 2022 तक पूरे एक महीने 'चलो काशी' के नाम से महोत्सव भी वाराणसी में मनाया जाएगा.
विश्वनाथ धाम की तैयारी, महोत्सव और लोकार्पण से संबंधित जानकारी देते हुए वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम का काम अंतिम चरण में है. पीएम मोदी के हाथों से 13 दिसंबर को इसका लोकार्पण होना प्रस्तावित है. ढाई सौ वर्षों के उपरांत अहिल्याबाई होल्कर के बाद एक बार फिर काशी विश्वनाथ धाम का जीर्णोद्धार हो रहा है. यह बहुत महत्वपूर्ण समय है. पूरे विश्व के शिवभक्तों की जागरुकता और आमंत्रण के लिए एक माह यानी 14 दिसंबर से 13 जनवरी तक का महोत्सव प्लान किया गया है.
इस महोत्सव की मेजर थीम काशी विश्वनाथ धाम की होगी और म्यूजिक, साहित्य, बुक फेयर, ट्रेड फेयर, फेस्टिवल, मेयर सम्मेलन, कृषि आधारित सम्मेलन, आर्किटेक्ट सम्मेलन, कला और साहित्य से जुड़े लोगों का सम्मेलन, रंगोली और फोटोग्राफी प्रतियोगिता, खेलकूद और यूथ फेस्टिवल समेत विभिन्न कार्यक्रम पूरे एक माह तक चलेंगे.

उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर का दायरा 5 लाख 27 हजार 730 वर्ग फीट तक बढ़ाया गया है. इसमें मुख्य रूप से तीन चीजें बनाई जा रही है, जिसमें मंदिर परिसर, चौक, पाथवे से संलग्न 23 बिल्डिंग भी बन रही हैं. इसमें 3 यात्री सुविधा केंद्र, एक टूरिस्ट फैसिलिटेशन काउंटर, वाराणसी गैलरी, सिटी म्यूजियम, वैदिक सेंटर, मल्टीपरपज हॉल, सिक्योरिटी ऑफिस, मुमुक्षु भवन, गेस्ट हाउस, शॉपिंग कांप्लेक्स, जलपान केंद्र जैसी महत्वपूर्ण इमारते हैं. इसके अलावा दिव्यांगों, वृद्धों के लिए रैंप और एस्केलेटर की सुविधा भी दी गई है.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने स्वर्ण शिखर की हो रही सफाई के बारे में भी बताया कि भवनों के अंदर से कई मंदिर निकले हैं. इन मंदिरों की भी पुन: स्थापना के लिए रेस्टोरेशन का काम कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर की दीवारों पर हुई पेंटिंग की वजह से काफी दिक्कत आ रही थीं. उसका भी रेस्टोरेशन वर्क विशेषज्ञों की ओर से कराया है. स्वर्ण शिखर की साफ-सफाई भी विशेषज्ञों द्वारा कराई जा रही है.
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