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कर्नाटक : ‘आधार’ की जानकारी शादी के बाद भी नहीं मांग सकती पत्नी

jantaserishta.com
28 Nov 2023 6:25 AM GMT
कर्नाटक : ‘आधार’ की जानकारी शादी के बाद भी नहीं मांग सकती पत्नी
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कर्नाटक : कर्नाटक हाई कोर्ट ने साफ कहा है कि शादी के अधिकार पर असर नहीं पड़ सकता है। दरअसल, कई दिनों से इस बात पर बहस चल रही थी कि पति या पत्नी को अपने दोस्त के आधार कार्ड की जानकारी हासिल करने का क्या अधिकार है? इस प्रश्न का उत्तर न्यायालय में मिल के दौरान हुई सुनवाई के दौरान एक याचिका दायर की गई। कोर्ट का कहना है कि पत्नी सिर्फ शादी के लिए अपनी योग्यता के आधार कार्ड की जानकारी के साथ अचल संपत्ति हासिल नहीं कर सकती है।

क्या था मामला
दरअसल, हुबली की एक महिला ने एक फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पति से गुजराता बोचा मांगा था। दोनों की शादी नवंबर 2005 में हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। दूसरे में शामिल होने के बाद पत्नी ने की कानूनी कार्रवाई की शुरुआत। यहां कोर्ट ने 10 हजार रुपए का गुजराती किराया और बेटी के बदले 5 हजार रुपए अलग से दिए जाने की बात कही।

आदेश लागू करने के लिए आवेदन पत्र उच्च न्यायालय
इसलिए महिला अलग हो गई पति का आधार नंबर, नामांकन की जानकारी और फोन नंबर हासिल करना चाहती थी। उनका कहना था कि अदालत को यह नहीं पता कि उनका पति कहां रह रहा है, इसलिए वह आदेश की प्रति तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऑर्डर लागू होने के लिए वह यूनिक आइडेंटिअस एसोसिएट ऑफ इंडिया यानी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूडीडी स्टूडियो) के पास भी गया था।

यूटिलिटी संस्था ने आवेदन रद्द कर दिया था
25 फरवरी 2021 को यू-डेटाबेस प्लेटफॉर्म ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था और कहा था कि इसके लिए उच्च न्यायालय के आदेश की आवश्यकता होगी। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख अपनाया।

दूसरे व्यक्ति को भी अपनी बात…
डिवीजन बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन किया और कहा कि किसी भी जानकारी के प्रकटीकरण से पहले दूसरे व्यक्ति को भी अपनी बात रखने का अधिकार है। बाद में एकल एकल बेंच के पास भेजा गया था। सिंगल बेंच ने 8 फरवरी 2023 को यू-डेटालेट को पति को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही आरती अधिनियम के तहत महिला आवेदन पत्र पर विचार करने के लिए कहा गया है।

शादी दो रिश्तेदारों का रिश्ता
ऍफ़ एस. सुनील दत्त यादव और गणतंत्र विजयकुमार ए. मस्जिद के खण्डपीठ ने कहा, ‘शादी दो लोगों का रिश्ता है, जो निजता के अधिकार पर असर नहीं दिखाता। यह व्यक्ति का निजी अधिकार है।’

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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