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कर्नाटक पीएसआई घोटाला: बेटी ने निलंबित एडीजीपी अमृत पॉल को बताया निर्दोष
jantaserishta.com
15 Dec 2022 11:08 AM GMT
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बेंगलुरु (आईएएनएस)| पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार कर्नाटक के निलंबित एडीजीपी अमृत पॉल की बेटी ने दावा किया है कि उसके पिता निर्दोष हैं। गुरुवार को मीडिया को लिखे पत्र में नुहर बंसल ने कहा कि उनके पिता पांच महीने से जेल में हैं और अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
चार्जशीट में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति 150 दिनों से अधिक समय से जेल में है, ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी न तो दोषियों को दंडित करने के प्रति गंभीर हैं और न ही यह सुनिश्चित करने में रुचि रखते हैं कि निर्दोष पीड़ित न हों।
बेटी ने कहा, उसके पिता एक कुशल और ईमानदार अधिकारी हैं। परिवार को नहीं पता कि वह जेल में क्यों है। परिवार इस संकट के विनाशकारी भावनात्मक, शारीरिक और वित्तीय तनाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है।
वह अपने 80 वर्षीय माता-पिता और अपने तीन बच्चों सहित सात लोगों के परिवार में एकमात्र कमाने वाले हैं। उनके बैंक खाते जुलाई से फ्रीज कर दिए गए हैं।
अमृतपाल की बेटी ने दावा किया कि सभी आरोप केवल सह-अभियुक्त डीएसपी शांताकुमार के बयान पर आधारित हैं।
उसने कहा, आरोप है कि पॉल ने शांताकुमार से 1.35 करोड़ रुपये प्राप्त किए, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है।
जांच से पता चला था कि एडीजीपी ने कथित तौर पर पीएसआई पदों के उम्मीदवारों से 1.35 करोड़ रुपये की वसूली की थी। सीआईडी ने उनके सहयोगी शंभूलिंग स्वामी से 41 लाख रुपये जब्त किए थे।
भर्ती विभाग में एडीजीपी के पद पर कार्यरत अमृत पॉल ने कथित तौर पर अपने जूनियर डीएसपी शांताकुमार और टीम को 545 पदों पर भर्ती में घोटाला करने दिया था। सूत्रों ने कहा कि भर्ती विभाग से जुड़े अधिकारियों सुनीता बाई, आरपीआई मंजूनाथ और गार्ड ने अमृत पॉल की मामले में भूमिका की पुष्टि की है।
हालांकि पॉल का कहना है कि घोटाला उनकी जानकारी के बिना हुआ था और उन्हें कोई पैसा नहीं मिला था।
सीआईडी ने जेल में बंद आईपीएस अधिकारी के खिलाफ 1,406 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। अमृत पॉल एडीजीपी स्तर के पहले वरिष्ठ अधिकारी हैं जिन्हें पीएसआई घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
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