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जुड़वा बच्चों की कस्टडी को लेकर हाईकोर्ट ने मैक्सिकन पत्नी, भारतीय पति के बीच कराया समझौता

jantaserishta.com
20 Oct 2022 10:28 AM GMT
जुड़वा बच्चों की कस्टडी को लेकर हाईकोर्ट ने मैक्सिकन पत्नी, भारतीय पति के बीच कराया समझौता
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जानें पूरा मामला।
बेंगलुरू (आईएएनएस)| कर्नाटक हाई कोर्ट ने जुड़वां बच्चों की कस्टडी को लेकर मेक्सिकन महिला और उसके भारतीय पति के बीच समझाौता कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जुड़वा बच्चे अपनी मां के साथ चार दिन और पिता के साथ तीन दिन रहेंगे। न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा और न्यायमूर्ति के.एस. हेमलेखा ने दंपति को अपने नाबालिग बच्चों को एक साथ पालने के लिए राजी किया।
आदेश के अनुसार रविवार शाम छह बजे से बच्चे शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक मां के साथ रहेंगे। उसके बाद बच्चे अपने पिता के साथ रहेंगे।
अदालत ने पति प्रशांत बनर्जी को इस अवधि के दौरान बच्चों की परवरिश के लिए 10,000 रुपये और पत्नी के लिए एक अलग घर देने का भी आदेश दिया है। पीठ ने इस संबंध में दंपति से एक संयुक्त ज्ञापन भी लिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह बच्चों की कस्टडी का मामला है। "इस तरह के मामलों में मानवीय तत्व और जटिल मुद्दे होते हैं। निर्णय ऐसे ही नहीं लिए जा सकते हैं और बच्चे माता-पिता दोनों का साथ होना चाहिए।"
पीठ ने कहा कि यह आदेश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि दंपति को उनकी तलाक की याचिका पर फैमिली कोर्ट में आदेश नहीं मिल जाता। अदालत ने माता-पिता को अपने बच्चों को राज्य से बाहर ले जाने पर भी रोक लगा दी है।
डेनिले लायरा एन. ने अदालत के समक्ष एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी जिसमें उसके बच्चों का पता लगाने का अनुरोध किया गया था जिन्हें उनकी जानकारी के बिना भारत लाया गया था।
मैक्सिकन नागरिक लायरा और भारतीय मूल के प्रशांत बनर्जी ने 1 मार्च, 2018 को चेन्नई में हिंदू परंपराओं के अनुसार शादी की। वे बाद में बेंगलुरु शिफ्ट हो गए।
1 जनवरी 2019 को लायरा ने बेंगलुरु में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। दंपति मई 2022 में मैक्सिको गए थे। 20 जुलाई, 2022 को बनर्जी, जो बच्चों को सैर के लिए बाहर ले गया था, घर नहीं लौटा। बाद में, उसने अपनी पत्नी को एक संदेश भेजा कि वह बच्चों को अपने साथ भारत ले गया है।
लायरा भारत आई और अमृतहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की। जब पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया और उसे अन्य तरीके खोजने के लिए कहा, तो उसने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर पुलिस को अपने बच्चों को खोजने के लिए निर्देश देने की मांग की।
पति ने अदालत में कहा कि उसने पत्नी को बताए बिना बच्चों को नहीं छीना है। उसने अदालत को कहा कि उसकी पत्नी अपने मूल देश मेक्सिको में बसना चाहती है।
लेकिन, 3.8 वर्ष की आयु के बच्चों को बेंगलुरु में प्री नर्सरी में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि वह बच्चों को उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए वापस बेंगलुरु ले आए।
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