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कानपुर हिंसा: एक महिला की भी हो सकती है गिरफ्तारी

Nilmani Pal
8 Jun 2022 2:10 AM GMT
कानपुर हिंसा: एक महिला की भी हो सकती है गिरफ्तारी
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यूपी। उत्तर प्रदेश के कानपुर में जुमे की नमाज के दिन हुई हिंसा एक गहरी साजिश का हिस्सा थी. इस साजिश के तार सीधे तौर पर पीएफआई से जुड़ते जा रहे हैं. पीएफआई से जुड़े 3 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. अभी 5 अन्य की तलाश जारी है. अब तक की जांच में मुख्य साजिश कर्ता जफर हयात हाशमी के करीबियों का पीएफआई से कनेक्शन बताया जा रहा है. कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की टीम को भले ही जफर हयात हाशमी के सीधे पीएफआई से कनेक्शन के तार ना मिले हों, लेकिन उसके करीबियों का पीएफआई से रिश्ता जरूर सामने आ चुका है. इसी कड़ी में कानपुर की बेकनगंज पुलिस ने मोहम्मद उमर, सैफुल्लाह और मोहम्मद नसीम को गिरफ्तार किया है.

बताया जा रहा है इन तीनों का पीएफआई से सीधे संबंध रहा है. दो साल पहले नागरिक संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन में पुलिस ने इन तीनों को जेल भेजा था. सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन में जफर हयात हाशमी का नाम भी आया था, लेकिन तब उसे पुलिस ने जेल नहीं भेजा था. हालांकि, मामले की जांच अभी भी चल रही है.

हाल ही में कानपुर में हुई हिंसा में जांच के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं. पुलिस को जफर हयात हाशमी के घर से कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं जिसमें फंड इकट्ठा करने का तरीका बताया गया है. पुलिस को शक है कि जफर हयात हाशमी जानबूझकर पीएफआई के सीधे संपर्क में नहीं था, बल्कि दूसरे लोगों के जरिए वह फंडिंग इकट्ठा करने के तरीके सीख रहा था.

फंड इकट्ठा करवाने का काम सीखने में उसकी पत्नी भी शामिल थी. यही वजह है कि जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को जफर की पत्नी से भी हिंसा के संबंध में पूछताछ की. जफर हयात हाशमी की पत्नी जोया हयात हाशमी कई वॉट्सएप ग्रुप के सक्रिय सदस्य और कई की ग्रुप एडमिन है. इसमें कानपुर में बाजारबंदी कराने को लेकर चैट भी सामने आई है. कुछ चैट ऐसी भी मिली हैं जिसमें वह जफर हाशमी को चैट डिलीट करने की बात भी कह रही है. माना जा रहा है कि एसआईटी पत्नी के खिलाफ सुबूत एकट्ठा कर रही है. बड़े सुबूत हाथ लगते ही गिरफ्तारी की जा सकती है.

अब पुलिस ने जफर हाशमी के द्वारा बनाए जोहर फैंस एसोसिएशन के बैंक खाते खंगालना शुरू किए हैं. इतना ही नहीं, उसके परिवार के अन्य सदस्यों के भी बैंक खाते खंगाले जाएंगे ताकि पता चल सके कि फंडिंग कहां से और कैसे हुई है. दूसरी तरफ आतंकी संगठनों पर नजर रखने वाली एटीएस ने भी पश्चिमी यूपी से लेकर कानपुर तक सक्रिय पीएफआई के हिमायतदानों की कुंडली खंगालना शुरू किया है. एटीएस ने सीएए, एनआरसी के दंगों में जेल भेजे गए सभी आरोपियों की कुंडली कानपुर के दंगाइयों से मिलान करना भी शुरू कर दिया है. एटीएस को शक है कि कहीं पश्चिमी यूपी के पुराने बलवाइयों का हाथ तो नहीं है. उन्होंने कानपुर जाकर शुक्रवार को दंगा फैलवाया हो.

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