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मां की भेंटों से भक्ति रस में डूबा कांगड़ा

16 Jan 2024 6:15 AM GMT
मां की भेंटों से भक्ति रस में डूबा कांगड़ा
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कांगड़ा। नगरकोट की देवी की पिंडी पर मक्खन का लेप शुरू हुआ तो गीत -संगीत की स्वर लहरियां गूंज उठी। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर घृत मंडल पर्व पर आयोजित यह अजब नजारा देखने योग्य था। पूरी रात मां की पावन पिंडी पर मक्खन का लेप होता रहा और भक्त मां का गुणगान करते रहे …

कांगड़ा। नगरकोट की देवी की पिंडी पर मक्खन का लेप शुरू हुआ तो गीत -संगीत की स्वर लहरियां गूंज उठी। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर घृत मंडल पर्व पर आयोजित यह अजब नजारा देखने योग्य था। पूरी रात मां की पावन पिंडी पर मक्खन का लेप होता रहा और भक्त मां का गुणगान करते रहे । शंकर, पार्वती , राधाकृष्ण, हनुमान की झांकियां निकली तो ऐसा लगा मानो देवी देवता इस मौका पर धरती पर उतर आए हो। गायक संजय सांवरिया के भजन दिल वाली पलकी च तेनु मां बिठाना है पर भक्त खूब झूमे । गायक सौरव शर्मा की भेंट तेनु किथे मां बिठावां शेरां वालिये कि घर मेरा निका जैया पर मां के भक्त भक्ति रस में डूब गए। दीपशिखा सोनी व सन्नी शर्मा के भजनों पर सारी रात झूमते रहे और पुजारी मां की पिंडी पर मक्खन चढ़ाने के बाद सूखे मेवों का शृंगार करते रहे ।सुबह वह घड़ी भी आ गई जब माता की पिंडी पूरी तरह तैयार हो गई थी। इससे पहले प्रेम श्रद्धा और भक्ति की त्रिवेणी ऐसी बही कि भक्त भक्ति में लीन हो गए।

कोलकाता के पाश्र्वगायक राजू मेहरा ने राधा कृष्ण का गुणगान किया तो दिल्ली की शीतल पांडे व फतेहाबाद की मोना मेहता ने रंग बरसे और लाल चोले वालिए भजन सुना कर भक्तों को नचाया। जागरण की शुरुआत गायक सुनील सूफी ने गणेश वंदना से की ।उसके बाद सुनील सूफी दीपशिखा सोनी के भजनों ने भक्तों का मन मोह लिया। कभी ना भूलने वाली इस सांझ में भक्त पूरी तरह मस्ती में डूबे हुए थे। कोई नाच रहा था तो कोई गा रहा था। सब मां को रिझाने में लगे थे। दिल्ली की बंटी तिलकधारी एंड पार्टी ने मनमोहक झांकियों का आयोजन किया ।कार्यक्रम का शुभारंभ एसडीएम इशांत जसवाल ने मंदिर अधिकारी नीलम राणा भूपेश अग्रवाल माता ब्रजेश्वरी देवी उत्सव आयोजन समिति के प्रधान राकेश कथूरिया की मौजूदगी में दीप प्रज्वलित कर किया उसके बाद करीब एक दर्जन गायकों ने अपने सुरों का जादू बिखेरा। मंच संचालक संदीप चौधरी ने बेहतरीन मंच संचालन कर समय बांधे रखा पंडित राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि हालांकि घृत मंडल का पर्व सदियों पुराना है।

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