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दिल्ली। कमलनाथ आज शाम 5 बजे बीजेपी ज्वॉइन कर सकते है. कमलनाथ पहली बार 1980 में 7वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे और वह छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा सांसद रहे. फिलहाल वह छिंदवाड़ा से विधायक हैं जबकि उनके बेटे नकुलनाथ स्थानीय सांसद हैं. बताया जाता है कि 77 वर्षीय कमलनाथ राज्यसभा सीट न मिलने से असंतुष्ट थे और विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राहुल गांधी भी उनके विरोधी हो गए थे.
हालांकि, पटवारी ने उन खबरों का खंडन किया कि कांग्रेस से राज्यसभा टिकट दिए जाने से इनकार किए जाने के बाद नाथ नाराज थे. उन्होंने कहा, 'नाथ ने राज्यसभा के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अशोक सिंह का नाम प्रस्तावित किया, जिसका पार्टी नेताओं ने सर्वसम्मति से समर्थन किया.'
कमलनाथ की पहचान एक चतुर राजनीतिज्ञ की रही है जिन्होंने गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया था. नाथ का मध्य प्रदेश के साथ जुड़ाव 1979-80 से रहा है जब पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें अपना "तीसरा बेटा" बताया था. उनके साथ एक नारा "इंदिरा के दो हाथ, संजय गांधी और कमल नाथ" तक जुड़ा हुआ था. पटवारी ने बताया कि 1970 के दशक में नाथ और संजय गांधी की दोस्ती बहुत मशहूर थी. उन्होंने कहा कि नाथ दशकों से नेहरू-गांधी परिवार से जुड़े रहे हैं और उन्हें पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के विश्वासपात्र रहे, जिनकी विचारधारा का वह समर्थन करते थे. उनके कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी अच्छे संबंध रहे हैं.
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