भारत
कालाबाजारी: ड्यूटी पर तैनात दो डॉक्टरों ने 30 हजार के रेमडेसिविर इंजेक्शन बेची, दोनों गिरफ्तार
Deepa Sahu
25 April 2021 5:25 PM GMT
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कोरोना के कोहराम से पूरे देश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: कोरोना के कोहराम से पूरे देश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है लेकिन इस परिस्थिति में भी कुछ लोग मुनाफाखोरी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. एक तरफ जरूरतमंद मरीजों को रेमडेसिविर नहीं मिल पा रहा है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे मनमाने दामों पर बेच कर मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में मध्य प्रदेश के रतलाम में ड्यूटी पर तैनात दो डॉक्टरों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया है. आरोप है कि इन दोनों डॉक्टरों ने ढाई हजार रुपये की कीमत वाले 3 रेमडेसिविर इंजेक्शन को तीस-तीस हजार रुपये में बेचने का सौदा किया था.
इस मामले में पुलिस ने बीती रात जीवांश अस्पताल में छापा मार कर रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे दो ऑन ड्यूटी डाक्टरों को गिरफ्तार किया. ये दोनों डॉक्टर होम्योपैथिक बी एच एम एस के छात्र हैं. इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में मंदसौर में भी एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने इस शख्स के जरिए ढाई हजार रु. की कीमत वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन का तीस हजार रुपये में सौदा किया था.
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अस्सी फीट रोड पर स्थित जीवांश अस्पताल के बाहर रेमडेसिविर इंजेक्शन को अवैध रूप से बेचा जा रहा है. सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने जीवांश अस्पताल के बाहर घेराबंदी कर इंजेक्शन बेचने आए उत्सव नायक नाम के शख्स को पकड़ लिया जिससे इंजेक्शन भी बरामद हुआ.
उत्सव नायक ने पुलिस टीम को बताया कि यह इंजेक्शन उसे जीवांश अस्पताल के ऑन ड्यूटी डाक्टर यशपाल सिंह राठौड़ ने बेचने के लिए दिया था, पुलिस टीम ने जीवांश अस्पताल के भीतर छापा मारा और ड्यूटी डॉक्टर यशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को यशपाल के कब्जे से भी कुछ इंजेक्शन बरामद हुए. पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे पिछले कुछ दिनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करके उसे तीस से पैंतीस हजार रुपचे में बेचकर मुनाफा कमा रहे थे.
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