भारत

वेबीनार में बोले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, असहमति के सुर उठाने वालों पर आतंकवाद निरोधक कानून का इस्तेमाल गलत

jantaserishta.com
14 July 2021 8:06 AM GMT
वेबीनार में बोले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, असहमति के सुर उठाने वालों पर आतंकवाद निरोधक कानून का इस्तेमाल गलत
x

असहमति की आवाज को समाज के प्रेशर कुकर का सेफ्टी वॉल्व जितना जरूरी बताने वाले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ (Justice Dhananjaya Y. Chandrachud) ने अबकी बार असहमति के सुर उठाने वालों के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के हथियार का इस्तेमाल करने को अनुचित बताया है.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने भारत अमेरिकी कानूनी रिश्तों पर आयोजित वेबीनार में खुल कर अपनी बात कही. भारत-अमेरिकी कानूनी रिश्तों पर ग्रीष्मकालीन सम्मेलन ' भारत अमेरिका के साझा हित और नई चुनौतियां ' में अपनी बात रखते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालतों को मानवाधिकार और बुनियादी अधिकारों के संरक्षक की भूमिका में ही रहना चाहिए.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने मिसाल देते हुए कहा कि कोविड के खतरे के मद्देनजर हमने अधिकतम सात साल की सजा वाले अपराध के लिए अपने ट्रायल का इंतजार कर रहे हजारों कैदियों को जमानत पर रिहा करने का एक समान आदेश दिया, लेकिन जब हालत सामान्य हुई तो फिर उनको जेल में डाल दिया गया, दूसरी लहर के समय हमें फिर आदेश देना पड़ा.
जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जरूरत इस बात की भी है कि इस बारे में भी पड़ताल हो कि आखिर जेलों में इतनी भीड़भाड़ क्यों है? इसे कैसे कम किया जा सकता है, जिससे कानून और नियमों का पालन भी हो और जेलों में स्वास्थ्य संबंधी खतरा कोविड हॉट स्पॉट भी न बनने पाए.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने भारत अमेरिकी सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनयिक और अन्य कई क्षेत्रों में प्रगाढ़ रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के बिलकुल अलग-अलग भूभाग पर होने के बावजूद दोनों देशों में बहुत मजबूत साझेदारी रही है,स्वतंत्र दुनिया के नेता कहे जाने वाले अमेरिका और भारत के बीच संविधान और कानून के शासन के प्रति निष्ठा, जनतांत्रिक अधिकारों के प्रति जागरूकता और न्याय, स्वतंत्रता व धार्मिक सहिष्णुता के प्रति संवेदनशीलता है, ये धरातल हमे एक रिश्ते में जोड़े रखते हैं.
Next Story