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जस्टिस बी.वी. नागरत्ना बन सकती हैं भारत की पहली महिला CJI, जाने इनके बारे में...

Admin2
18 Aug 2021 9:42 AM GMT
जस्टिस बी.वी. नागरत्ना बन सकती हैं भारत की पहली महिला CJI, जाने इनके बारे में...
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भारत को साल 2027 में पहली महिला चीफ जस्टिस मिल सकती हैं. जस्टिस बीवी नागरत्ना को मुख्य न्यायधीश बनाया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए 9 नाम भेजे हैं. इसमें तीन महिलाओं के नाम भी शामिल हैं जिन्हें अब सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की गई है. उसी लिस्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम भी दिया गया है. कहा जा रहा है कि साल 2027 में एक महीने के लिए वे इस पद को संभाल सकती हैं.

वर्तमान में जस्टिस बीवी नागरत्ना कर्नाटक हाई कोर्ट में जज हैं. वे साल 2008 में कर्नाटक हाई कोर्ट में बतौर एडिशन जज आई थीं. इसके दो साल बाद उन्हें स्थायी जज बना दिया गया था. जस्टिस बीवी नागरत्ना द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसले दिए गए हैं. साल 2012 में जब केंद्र को ब्रॉडकास्ट मीडिया को रेगुलेट करने के निर्देश दिए गए थे, तब हाई कोर्ट की उस बेंच का हिस्सा जस्टिस नागरत्ना भी थीं. वहीं साल 2019 में उनकी बेंच की तरफ से बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा गया था कि मंदिर "व्यावसायिक प्रतिष्ठान" नहीं हैं और उसके कर्मचारी ग्रेच्युटी के हकदार भी नहीं.
साल 2020 में एक डिवोर्स मामले में भी महिला सशक्तिकरण पर जस्टिस बीवी नागरत्ना ने जो टिप्पणी की थी, वो खूब सुर्खियों में रही. उन्होंने कहा था कि लोग हमेशा महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, लेकिन समाज को नहीं पता कि सशक्त महिलाओं संग कैसा व्यवहार करना चाहिए. माता-पिता भी अपने बेटों को नहीं सिखाते कि एक सशक्त महिला के साथ कैसा बर्ताव रखना चाहिए. लड़कों के साथ यही सबसे बड़ी समस्या है.
वैसे एक वक्त ऐसा था जब जस्टिस बीवी नागरत्ना को हाई कोर्ट के दो अन्य न्यायधीशों संग एक कमरे में बंद कर दिया गया था. ये घटना नवंबर 2009 की थी जब विरोध कर रहे कुछ वकीलों ने ये हैरान कर देने वाला कदम उठाया था. उस घटना पर तब जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा था कि वे नाराज नहीं हैं, लेकिन दुख जरूर है कि उनके साथ ऐसा किया गया.
जस्टिस बीवी नागरत्ना के करियर की बात करें तो उन्होंने बतौर वकील साल 1987 में अपने करियर की शुरुआत की थी. उनकी तरफ से संवैधानिक और वाणिज्यिक कानूनों के विषय पर प्रैक्टिस शुरू की गई थी. उन्होंने पूरे 23 साल तक वकालत की थी और उसके बाद बतौर जज भूमिका संभाली. अब कहा जा रहा है कि साल 2027 में वे देश की पहली महिला मुख्य न्यायधीश बन सकती हैं. हाई कोर्ट जजेस की सिनियोरिटी के मामले में अभी वे 33वें स्थान पर हैं. अगर भारत सरकार द्वारा उनके नाम पर मुहर लगा दी जाती है तो 23 सितंबर 2027 से 29 अक्टूबर 2 2027 तक वो पद संभाल सकती हैं.
वैसे जानकारी के लिए बता दें कि जस्टिस बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके ईएस वेंकटरमैया की बेटी हैं. उनके पिता ने खुद 6 महीने तक उस पद को संभाला था. अब अगर बीवी नागरत्ना को ये जिम्मेदारी दी जाती है तो ये भारत के लिए ऐतिहासिक पल होगा. खुद पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि भारत को अब एक महिला मुख्य न्यायाधीश देने का समय आ गया है.


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