यूपी। हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम संभल पहुंची है और इलाके का मुआयना कर रही है। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। हिंसा के बाद एक बार फिर मामला सुर्खियों में है। जामा मस्जिद के संरक्षित स्मारक होने की वजह से यहां के रखरखाव का जिम्मा भी पुरातत्व विभाग का है। 2018 में मस्जिद कमेटी की ओर से सीढ़ियों पर स्टील रेलिंग को लगवा दिया गया था, जिसकी जानकारी होने के बाद पुरातत्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।
#WATCH | Uttar Pradesh: Members of the 3-member judicial inquiry committee inspect the area in Sambhal where violence broke out on 24th November, over the Shahi Jama Masjid survey. pic.twitter.com/l5eYhqOfRt
— ANI (@ANI) December 1, 2024
बिना अनुमति निर्माण को नियमों का उल्लंघन मानते हुए कड़ा रुख अपनाया और विभाग के एमटीएस (मल्टी टास्किंग स्टाफ) विजेंद्र सिंह यादव की ओर से जामा मस्जिद कमेटी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया गया कि केंद्रीय संरक्षित स्मारक स्थल में बिना विभागीय अनुमति के अवैध रूप से स्टील की रेलिंग का निर्माण कराया गया है।