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1 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली ((Northeast Delhi Riots) में दंगा मामलों में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) के तहत मुकदमे का सामना कर रहे उमर खालिद (Umar Khalid), शरजील इमाम (Sharjeel Imam) और अन्य की 1 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है. दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया है.
वहीं, 19 जनवरी को हुई हुई सुनवाई में कई आरोपियों ने अदालत के सामने दावा किया था कि आदेश के बावजूद जेल में उन्हें चार्जशीट तक पहुंच नहीं दी गई. वहीं, कुछ आरोपियों ने दावा किया था कि चार्जशीट पढ़ने के लिए उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया. आरोपियों ने अदालत से जेल प्रशासन को एक घंटे से ज्यादा समय देने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था ताकि वे जेल में कंप्यूटर सिस्टम पर 1800 पन्ने का चार्जशीट पढ़ पाएं.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई के दौरान आरोपियों खालिद सैफी, शिफा उर रहमान और शादाब अहमद ने दावा किया था कि अदालत के आदेश के तहत जेल के कंप्यूटर पर चार्जशीट को अपलोड कर दिया गया है लेकिन उन्हें वहां तक पहुंच नहीं दी गई. आप के निलंबित पार्षद और सह आरोपी ताहिर हुसैन ने दावा किया था कि वह आरोपपत्र नहीं पढ़ पाए क्योंकि कंप्यूटर पर हमेशा कोई ना कोई बैठा रहता है.
दिल्ली पुलिस ने खालिद, इमाम और एक अन्य आरोपी फैजान खान के खिलाफ कठोर गैर-कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दर्ज इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था. उनपर, दंगे, गैर-कानूनी तरीके से एकत्रित होने, आपराधिक साजिश, हत्या, धर्म, भाषा, जाति इत्यादि के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देने और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. इन अपराधों के तहत अधिकतम मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है.
IPC की ये लगाई गई धाराएं
इस पूरक आरोप पत्र को यूएपीए की धारा 13 (गैर-कानूनी गतिविधियां), 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिए चंदा जुटाना) और 18 (षड़यंत्र) के तहत दायर किया गया था. इसके अलावा उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षड़यंत्र) के साथ धारा 109 (उकसाना), 114 (अपराध के समय उकसाने वाले की मौजूदगी), 147 और 148 (दंगा) के तहत आरोपित किया गया. तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 353, 395, 419, 419, 427, 435, 436, 452, 454, 468, 471 और 34 भी लगाई गई है.
दिल्ली हिंसा में गई थी 53 लोगों की जान
उमर खालिद और इमाम फिलहाल इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून में संशोधनों के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को सांप्रदायिक झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें 53 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 200 लोग घायल हो गए थे.
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