टिल्लू ताजपुरिया मर्डर केस में गिरफ्तार 6 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई
आरोपी दीपक उर्फ तीतर के एडवोकेट रोहित पाठक ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को चिकित्सा सुविधा, वोडाफोन कॉलिंग सुविधा, टेलीविजन और नीजि तौर पर कानूनी साक्षात्कार/बैठक सुविधा प्रदान करने का निर्देश देने के लिए एक आवेदन कोर्ट में दायर किया था। अदालत ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जेल नियमों के अनुसार आवेदन पर विचार करें और उसका निपटारा जल्द-से-जल्द करें। दिल्ली पुलिस ने तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से योगेश उर्फ टुंडा, दीपक डबास उर्फ तितर, रियाज खान, राजेश कर्मबीर, विनोद उर्फ चवन्नी और अता योर रहमान नाम के छह आरोपियों को कोर्ट में पेश किया।
आरोपी दिपक डबास के वकिल रोहित पाठक ने कोर्ट में दलील दी कि उसके क्लाइंट को जेल प्रशासन द्वारा जान-बूझकर परेशान किया जा रहा है. आरोपी की ऊँगली की टूट्टी हड्डी का एक्स-रे अब तक नहीं करवाया गया, घरवालों से फोन पर बात नहीं करवाई जा रही और मनोरंजन के लिए उसको टी0वी भी नहीं दिया गया है. अधिवक्ता रोहित पाठक ने कोर्ट को बताया कि जब वह आरोपी के साथ कानूनी साक्षात्कार करने के लिए गया, तो जेल प्रशासन ने एडवोकेट और क्लाइंट की गोपनीयता को मद्देनजर ना रखते हुए जेल की खिड़की पर लगे फोन से ही दोनों की बात करवाई. इस दौरान कोर्ट में काफी गर्म-माहौल रहा और मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया जी ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को जल्दी से आरोपी द्वारा माँगी जा रही उपरोक्त सुविधाओं के इस मामले का निपाटरे करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए.