भारत
जज का ट्रांसफर, इस फैसले के कारण आए थे सुर्ख़ियों में
jantaserishta.com
12 April 2021 11:18 AM GMT
x
8 अप्रैल को दिया था ये आदेश....
वाराणसी. काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath Temple) परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) विवाद मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश देने वाले जज का वाराणसी से तबादला हो गया है. वाराणसी में सिविल जज, सीनियर डिवीजन (फास्ट ट्रैक कोर्ट) के पद पर तैनात आशुतोष तिवारी का वाराणसी से शाहजहांपुर ट्रांसफर कर दिया गया है. जज आशुतोष तिवारी की कोर्ट ने ही मंदिर-मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को सर्वे करने का आदेश 8 अप्रैल को दिया था. 9 अप्रैल को ही उनका तबादला शाहजहांपुर के लिए कर दिया गया.
बता दें कि जज आशुतोष तिवारी शाहजहांपुर में एडिश्नल सिविल जज, सीनियर डिवीजन/ एडिश्नल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात किये गये हैं. आशुतोष तिवारी की जगह महेन्द्र कुमार पांडेय को तैनात किया गया है जो अभी तक बांदा में तैनात थे. दरअसल मंदिर-मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण कराये जाने का मामला साल 2019 से चल रहा था. वकील विजय शंकर रस्तोगी ने पूरे ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराने की याचिका दायर की थी.
इसपर सुनवाई करते हुए जज आशुतोष तिवारी ने 8 अप्रैल को एएसआई के द्वारा सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने ये भी आदेश दिया था कि पुरातत्व विभाग पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाये और पूरे परसिर की खुदाई करके ये पता लगाये कि ज्ञानवापी मस्जिद के जमीन के नीचे मंदिर के अवशेष तो नहीं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किए जजों के तबादले
जज के इस फैसले से जहां हिन्दु धर्मगुरुओं में खुशी की लहर फैल गयी थी. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है. इससे पहले अयोध्या में बन रहे राम मंदिर परिसर का भी एएसआई ने सर्वेक्षण किया था. सर्वेक्षण के दौरान खुदाई में मंदिर के अवशेष मिले थे. हालांकि जज आशुतोष तिवारी एकलौते नहीं हैं जिनता तबादला किया गया है. बड़ी संख्या में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जजों के तबादले किये हैं. आशुतोष तिवारी उनमें से एक हैं. हाईकोर्ट ने हर साल जजों के ट्रांसफर करता है. उसी क्रम में बड़े पैमाने पर जजों के ट्रांसफर किये गये हैं.
jantaserishta.com
Next Story