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जज की मौत मामला: ऑटो चालक एवं उसके सहयोगी से सीबीआई फिर कर रही पूछताछ

Nilmani Pal
28 Sep 2021 4:00 PM GMT
जज की मौत मामला: ऑटो चालक एवं उसके सहयोगी से सीबीआई फिर कर रही पूछताछ
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धनबाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम उत्तम आनंद की मौत मामले में गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा एवं उसके सहयोगी राहुल वर्मा को सीबीआई ने एक फिर रिमांड पर लिया है। कोर्ट के आदेश पर मंगलवार की शाम सीबीआई क्राइम ब्रांच दिल्ली की टीम दोनों को छह दिनों की रिमांड पर ले गई। सीबीआई ने एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में आवेदन देकर दोनों आरोपियों से पूछताछ के लिए 10 दिनों का पुलिस रिमांड की अनुमति मांगी थी। मंगलवार को अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने छह दिनों की रिमांड अवधि मंजूर की। मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे सीबीआई की टीम दोनों को लेकर धनबाद जेल से सिंफर सत्कार गेस्ट हाउस रवाना हुई। जज को टक्कर मारने के मामले में पूछताछ की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

सीबीआई ने जज को टक्कर मारने वाले ऑटो के चोरी से संबंधित भी मामला दर्ज किया है। साथ ही राहुल वर्मा के खिलाफ हिल कॉलोनी आउट हाउस से रेलवे ठेकेदार के स्टॉफ की तीन मोबाइल चोरी की भी एफआईआर दर्ज की है। ऑटो चोरी के मामले में उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की बात न्यायालय को बताई गई है। हालांकि सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों होने वाली पूछताछ जज की मौत पर ही केंद्रित रहेगी। ज्वाइंट डायरेक्टर ने हाईकोर्ट से कहा था- जानबूझ कर मारी गई है टक्कर 23 सितंबर को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पेश हुए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने बताया था कि एडीजे को जानबूझ कर टक्कर मारी गई है। हालांकि जज की इरादतन हत्या के संबंध में कोई सबूत या गवाह का जिक्र नहीं किया गया था। जेडी ने कोर्ट से कहा था कि गिरफ्तार ऑटो चालक लखन वर्मा का सहयोगी राहुल वर्मा बार-बार बयान बदल रहा है। अब सीबीआई राहुल वर्मा से फिर से नए सिरे से पूछताछ करेगी।

चौथी बार रिमांड पर लिए गए दोनों

गिरफ्तारी के बाद लखन वर्मा और राहुल वर्मा को चौथी बार रिमांड पर लिया गया है। सबसे पहले राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने दोनों को पांच दिनों के रिमांड पर लिया था। दूसरी बार सात अगस्त को सीबीआई ने उन्हें पांच दिनों के रिमांड पर लिया। 11 अगस्त को सीबीआई तीसरी बार दोनों को 10 दिनों के रिमांड पर ले गई। हालांकि एक दिन बाद ही 12 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। अब दो अक्तूबर तक के लिए फिर से दोनों की रिमांड की स्वीकृति मिली है। लखन और राहुल के गिरफ्तारी के 60 दिन पूरे हो चुके हैं। 30 दिनों के अंदर सीबीआई को दोनों के खिलाफ चार्जशीट सौंपनी होगी। सीबीआई का पूरा फोकस जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने पर है। सीबीआई दोनों से सच उगलवाने के लिए कई हथकंडे अपना चुकी है। 16 अगस्त को दोनों के ब्रेन मैपिंग, लाई डिटेक्टर और नार्को एनालिसिस सहित अन्य जांच के लिए गांधीनगर के फोरेंसिक लैब ले जाया गया था। तीन सितंबर को उन्हें लेकर सीबीआई की टीम वापस धनबाद लौटी थी।

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