भारत

जज और वकील हुए आमने सामने, सुनवाई से किया इनकार

Nilmani Pal
29 Sep 2021 5:10 AM GMT
जज और वकील हुए आमने सामने, सुनवाई से किया इनकार
x
जानें पूरा माजरा

राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) की जयपुर पीठ में मंगलवार को आधे दिन तक वकीलों और न्यायधीशों के बीच गतिरोध बना रहा. वकीलों ने सोमवार को जस्टिस सतीश कुमार शर्मा के खिलाफ हाई कोर्ट बार से प्रस्ताव पास करवाकर उनकी कोर्ट के बहिष्कार (Court boycott) का ऐलान कर दिया था. उसके बाद मंगलवार को सुबह सभी न्यायाधीशों ने भी सुनवाई से इनकार कर दिया. ऐसे में लंच ऑवर्स तक किसी भी मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. बाद में सीजे इंद्रजीत माहन्ती ने मामले में छह जजों की कमेटी का गठन किया. उसके बाद कुछ हद तक गतिरोध टूटा और सभी न्यायाधीशों ने सुनवाई शुरू की लेकिन वकीलों ने जस्टिस शर्मा की कोर्ट का बहिष्कार जारी रखा.

हाई कोर्ट बार अध्य्क्ष भुवनेश शर्मा ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 429 का रोस्टर काफी महत्वपूर्ण होता है. यह किसी वरिष्ठ न्यायाधीश को दिया जाना चाहिए. उनका आरोप है कि जस्टिस शर्मा इस रोस्टर में सभी मामलों को ठीक से नहीं सुन पा रहे हैं. इसके चलते वकीलों के मामलों की सुनवाई ठीक तरह से नहीं हो पा रही है. सोमवार को हमने एक अधिवक्ता की सुरक्षा से जुड़े मामले में उनसे सुनवाई की अनुमति मांगी लेकिन उन्होंने उसे सुनने से भी मना कर दिया. ऐसे में उनकी कोर्ट से परेशान वकीलों ने हंगामा शुरू कर दिया. वकीलों की भवाना को देखते हुए बार ने प्रस्ताव पारित किया. बुधवार को हमारी कमेटी से वार्ता है. वार्ता के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा. लेकिन तब तक न्यायाधीश शर्मा की कोर्ट का बहिष्कार जारी रहेगा. हालांकि इससे पहले भी कई मर्तबा बार और बैंच आमने सामने हुई है. लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि सभी न्यायाधीश एक साथ सुनवाई से इनकार कर दें.

मंगलवार को जहां एक तरफ जज और वकील आमने सामने हो गए थे. वहीं दूसरी तरफ हाई कोर्ट में राजकीय अधिवक्ता मय अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय में संविदा पर काम कर रहे करीब 26 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 15 साल से जीए ऑफिस में काम कर रहे हैं. लेकिन उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. एलडीसी को 5600 और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 4400 रुपये दिए जा रहे हैं. जबकि 2019 में हाई कोर्ट इन्हें न्यूनतम वेतन देने के आदेश भी दे चुका है. वहीं जो वेतन इन्हें मिल रहा है वो भी सीधे हमारे अकाउंट में नहीं आकर हम जिस सरकारी वकील के साथ अटैच हैं उसे दिया जाता है. कर्मचारियों ने मांगे माने जाने पर ही काम पर लौटने की बात कही है.

Next Story