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पत्रकार हत्याकांड: कोर्ट ने 14 आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा, भेजे गए जेल

Nilmani Pal
22 Sep 2021 3:02 PM GMT
पत्रकार हत्याकांड: कोर्ट ने 14 आरोपियों को सुनाई आजीवन कारावास की सज़ा, भेजे गए जेल
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बड़ा फैसला

बिहार के समस्तीपुर (Samastipur) के पत्रकार विकास रंजन हत्याकांड (Journalist Vikas Ranjan Murder) मामले में दोषी ठहराए गए चौदह लोगों को कोर्ट द्वारा सजा सुनाई गई है. बुधवार को रोसड़ा (Rosra) के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम (एडीजे प्रथम) के न्यायालय ने इस मामले में 13 साल बाद फैसला सुनाया है. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के रोसड़ा प्रखंड अध्यक्ष स्वयंवर यादव सहित चौदह दोषियों को न्यायालय ने आजीवन कारावास (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है. वहीं, इस मामले में एक दोषी मोहन यादव, जो न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ, उसके खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया गया है. दोषियों को सजा से पहले सजा के बिंदु पर दोनों पक्ष के वकीलों द्वारा अपना-अपना पक्ष रखा गया जिसे सुनने के बाद न्यायालय ने दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर सजा का ऐलान किया. सजा सुनाए जाने के बाद तेरह दोषियों को जेल भेज दिया गया है.

रोसड़ा कोर्ट ने दोषी उमाकांत चौधरी, राजीव राय, राजीव रंजन उर्फ गुड्डू, विधान चंद्र राय, मनोज चौधरी, मनेन्द्र चौधरी, प्रियरंजन उर्फ टीनू, सजीव राय और रामाश्रय राय को धारा 302/34 धारा 120 में आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. जुर्माना नहीं देने की सूरत में इन्हें छह माह का साधारण कारावास और काटना होगा. वहीं, कृष्ण कुमार यादव, संतोष आनंद सिंह, बबलू सिंह, स्वयंवर यादव को धारा 302/34 के अलावा 1/27 आर्म्स एक्ट में तीन साल की सश्रम सजा व 3,000 रुपया अर्थदंड, जिसके नहीं देने पर छह माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है. यह सभी सजा एक साथ चलेगी. इसी हत्याकांड में दोषी मोहन यादव के अनुपस्थित होने पर उसे सुनवाई से अलग किया गया. न्यायालय ने मोहन यादव के खिलाफ कुर्की का वारंट जारी किया है.

15 सितंबर को न्यायालय ने इस मामले में 14 आरोपियों को दोषी करार दिया था. फैसला आने के बाद पीड़ित पक्ष के वकील ने इसे कानून की जीत बताते हुए कहा था कि इससे लोगों को कानून के प्रति आस्था बढ़ेगी. वहीं, बचाव पक्ष के वकील अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. बता दें कि 25 नवंबर, 2008 को पत्रकार विकास रंजन के उस समय हत्या कर दी गई थी जब वो अपने दैनिक अखबार के कार्यालय से निकलकर घर जा रहे थे. इस दौरान रास्ते में पूर्व से घात लगाए अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. घटना के बाद मृतक विकास रंजन के पिता फुल्का चौधरी के बयान पर रोसड़ा थाना में कांड संख्या 173/2008 दर्ज करवाया गया था.

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