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पेगासस मुद्दे पर संसद का पूरा मॉनसून सत्र धुल गया है. बिना किसी सार्थक बहस और चर्चा के सत्र खत्म हो गया और अहम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाई. पेगासस जासूसी कांड और विपक्षी एकजुटता पर क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से खास बातचीत की है.
पेगासस मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है और इस पर जानकारी न देने के पीछे केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया है. इस पर चिदंबरम ने कहा, "विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर जानकारी नहीं चाहता है. चुनाव आयुक्त, पत्रकारों और नेताओं की जासूसी होने का अंदेशा है तो हम जानना चाहते हैं क्या सरकार या उसकी किसी एजेंसी ने पेगासस स्पाईवेयर खरीदा था?"
सरकार SC में बंद लिफाफे में जवाब दे तो?
सरकार का इस मुद्दे पर 'राष्ट्रीय सुरक्षा' का हवाला देना ये संकेत देता है कि केंद्र सुप्रीम कोर्ट में सील कवर में अपना जवाब सौंप सकता है. पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि दो साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 'बंद लिफाफे' की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई थी, इस बार पता नहीं क्या होगा.
चिदंबरम ने कहा, "सरकार को लगता है कि वो किसी भी चुनौती या संकट से आराम से निकल सकती है. अगर यही खुलासे किसी और सरकार में होते या किसी लोकतांत्रिक देश में होते तो सरकार गिर गई होती. यहां कुछ नहीं हुआ."
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