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हाईकोर्ट पहुंची जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी, सरकार को लेकर कही ये बात

jantaserishta.com
28 Oct 2022 3:04 AM GMT
हाईकोर्ट पहुंची जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी, सरकार को लेकर कही ये बात
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक 

कॉस्मैटिक मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया था.
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) को आदेश दिए है कि वह जॉनसन एंड जॉनसन प्राइवेट लिमिटेड को सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी, कोलकाता की वह रिपोर्ट सौंपे, जिसके आधार पर राज्य सरकार ने मुंबई में जॉनसन बेबी पाउडर की एक इकाई के कॉस्मैटिक मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया था. महाराष्ट्र सरकार ने कंपनी से अपनी इस इकाई में पाउडर की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करने को भी कहा था.
इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. यह याचिका कंपनी की ओर से निशिथ देसाई ने दायर की थी, जिसमें कहा गया कि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने 15 सितंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसमें 15 दिसंबर से कंपनी का लाइसेंस रद्द करने की बात कही गई थी.
इसके पांच दिन बाद एफडीए ने इस आदेश की समीक्षा की और मुंबई के मुलुंड क्षेत्र में कंपनी के बेबी पाउडर के उत्पादन और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी.
इसके बाद कंपनी ने महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री के समक्ष इन आदेशों को चुनौती दी थी. वह एफडीए के संबंध अधिकारी भी थे. लेकिन उन्होंने 19 अक्टूबर को याचिका खारिज करते हुए लाइसेंस रद्द के आदेश को बरकरार रखा, जिसके बाद कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया.
कंपनी ने कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए यह आदेश पारित किया गया है. इससे कंपनी को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा है.
सुनवाई के दौरान कंपनी के अधिवक्ता रवि कदम ने इस आदेश पर तब तक रोक लगाने को कहा है, जब तक सुनवाई पूरी नहीं हो जाए. वहीं, सरकार की ओर से पेश वकील ज्योति चव्हाण ने याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा है. अदालत ने राज्य सरकार से नौ नवंबर तक हलफनामा दायर करने को कहा है.
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एनजे जामदार और जस्टिस शर्मिला देशमुख की पीठ ने कंपनी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए महाराष्ट्र सरकार और एफडीए को वह रिपोर्ट मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं, जिसके आधार पर कंपनी का लाइसेंस रद्द किया गया था.
इस मामले पर अब अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी.
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