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'जानसन एंड जानसन' ने बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन ट्रायल की मांगी अनुमति, CDSCO को भेजा आवेदन

Deepa Sahu
20 Aug 2021 9:15 AM GMT
जानसन एंड जानसन ने बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन ट्रायल की  मांगी अनुमति, CDSCO को भेजा आवेदन
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वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी कंपनियों में शुमार जानसन एंड जानसन ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को एक आवेदन प्रस्तुत किया है,

नई दिल्ली, वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी कंपनियों में शुमार 'जानसन एंड जानसन' ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को एक आवेदन प्रस्तुत किया है, जिसमें 12-17 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए भारत में अपनी COVID-19 वैक्सीन का अध्ययन करने की अनुमति मांगी गई है। बता दें कि जानसन एंड जानसन द्वारा सिंगल-शॉट वैक्सीन ने चरण 3 के नैदानिक परीक्षणों में गंभीर बीमारी से सुरक्षा में 85 फीसद की प्रभावकारिता दिखाई है।

अमेरिकी फार्मा दिग्गज ने कहा कि उसने मंगलवार को अपना आवेदन जमा कर दिया था। यह जरूरी है कि बच्चों समेत सभी वर्गों को जल्द से जल्द कोरोना वायरस के खिलाफ टीका लगाया जाए। कंपनी ने कहा कि हम अपने COVID-19 वैक्सीन को सभी आयु समूहों के लिए समान रूप से सुलभ बनाने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कार्य के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं।
वहीं, कंपनी को अपने एक डोज वाले टीके के लिए EUA या आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, जिसकी भारत में आपूर्ति हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड के साथ एक समझौते के माध्यम से की जाएगी। अध्ययनों से पता चला है कि जानसन एंड जानसन वैक्सीन में कोविड के गंभीर मामलों के खिलाफ 85 फीसद प्रभावकारिता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को कहा था कि बच्चों के लिए कोविड के टीके बहुत जल्द उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला द्वारा किए जा रहे दो अन्य नैदानिक परीक्षण पहले से ही चल रहे हैं और इनके परिणाम अगले महीने आने की उम्मीद है।
पिछले महीने भारतीय दवा नियामक के एसईसी ने सिफारिश की थी कि सीरम संस्थान को दो से 17 साल की उम्र के 920 बच्चों पर कोवोवैक्स के चरण II / III परीक्षण करने की अनुमति दी जाए। वहीं, जून में, दिल्ली के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया था कि बच्चों के लिए कोविड के टीके अक्टूबर तक उपलब्ध कराए जा सकते हैं। बता दें कि देश में तीसरी लहर में बच्चों को अधिक खतरे की रिपोर्टों के बीच कई अध्ययन किए जा रहे हैं।
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