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एमबीए प्रोफेशनल्स के लिए होंगी नौकरी लेकिन इन जरुरी बातो का रखे ध्यान

Teja
19 March 2022 9:42 AM GMT
एमबीए प्रोफेशनल्स के लिए होंगी नौकरी लेकिन इन जरुरी बातो का रखे ध्यान
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अगर आप ये सोचें कि पैनडेमिक के दौर के बाद कंपनियों और उद्योग जगत को किस तरह के स्किल्ड युवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होगी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अगर आप ये सोचें कि पैनडेमिक के दौर के बाद कंपनियों और उद्योग जगत को किस तरह के स्किल्ड युवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होगी, तब आप यह भी समझ पाएंगे कि क्यों इन दिनों कंपनियां बिजनेस ग्रेजुएट्स और बिजनेस मास्टर्स कोर्स कर चुके युवाओं की नियुक्तियों में ज्यादा दिलचस्पी ले रही हैं। अच्छे मैनेजमेंट कॉलेज से उत्तीर्ण युवाओं को जॉब मिली हैं। इसमें भी विशेष तौर पर जो इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से थे, उनकी तो किस्मत ही चमक उठी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ए ग्रेड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स में मिले प्रस्ताव में औसतन सैलरी 8.5लाख रुपये थी। ये तब की बात है, जब लोगों के हाथों से नौकरियां लगातार जा रही थीं। ऐसे में एमबीए की संभावनाओं को आप समझ सकते हैं।अनलॉक होने के बाद एमबीए डिग्रीधारकों के लिए फिर अवसरों की कोई कमी नहीं रही।

महामारी के दौरान व्यापार जगत के गिरते ग्राफ को देखते हुए प्रबंधन के क्षेत्र को लेकर युवाओं में भ्रम की स्थिति थी। लेकिन यह क्षेत्र ना सिर्फ महामारी में, बल्कि उसके बाद के दौर के लिए अब ज्यादा तैयार है।
क्यों है भविष्य के लिए स्मार्ट चॉइस
- पैनडेमिक के दौरान,आपके आज के एमबीए प्रोग्राम का एक मतलब यह भी हुआ कि आप आने वाले सालों में एक स्वस्थ आर्थिक माहौल और मजबूत एमबीए मार्केट के दौरान एमबीए का अपना कोर्स पूरा करेंगे।
- यह भी तय है कि पोस्ट पैनडेमिक दौर में कंपनियां अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए योग्य एमबीए उम्मीदवारों की भर्तियां जोर-शोर से करेंगी। इसकी झलक अब बाजार में दिखने भी लगी है।
- अधिकतर एमबीए प्रोग्राम में अब डाटा, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को खास जगह दी जा रही है, जो पैनडेमिक के बाद से और तेज हुआ है। ये सुधार एमबीए पाठ्यक्रम को आने वाले दौर के लिए पूर्ण और पुख्ता बना रहे हैं।
- स्टार्टअप्स ने भी पैनडेमिक के दौरान एमबीए को खूब मौके दिए और आने वाले दौर में भी मौके तैयार कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इस साल की शुरुआत से ही एमबीए स्कूलों में प्लेसमेंट की शानदार खबरें भी आ रही हैं।
स्किल्स का विकास है चुनौती
एमबीए कर रहे छात्रों के सामने सबसे बड़ी चुनौती कौशल विकास प्रशिक्षण की है। अगर ये कहें कि केवल एमबीए करने से ही काम चल जाएगा, तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। एक खास बात मैं बताना चाहूंगा कि एमबीए एक प्रोफेशनल कोर्स है, जिसमें थ्योरी से ज्यादा व्यावहारिक ज्ञान होना जरूरी है और कुछ स्किल्स भी, क्योंकि कोविड के बाद से परिस्थितियां बहुत ज्यादा बदल गई हैं और काम करने के तरीके भी। आपको एमबीए पढ़ना ही नहीं, सीखना भी है।
- इन दिनों आमतौर पर एमबीए वे कर रहे हैं, जिन्हें कार्यअनुभव होता है। इसलिए एमबीए करते समय बहुत जरूरी है कि आप नई चीजों और नजरिए को समझने के लिए दिमाग व दिल खुला रखें।
- एमबीए कोर्स हो या प्रबंधन की नौकरी, टीम स्किल्स डेवलप करना भी बहुत जरूरी है। कुछ और स्किल्स भी तैयार करें, जैसे कम्यूनिकेशन स्किल, टीमवर्क स्किल, सॉफ्टवेयर एजूकेशन स्किल, क्रिटिकल थिंकिंग, नेटवर्किंग स्किल, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल, कंप्यूटर स्किल। और इनके साथधैर्य भी जरूरी है।
शुरू से बनाएं रणनीति
प्रबंधन क्षेत्र की नौकरियों में जानाचाहते हैं, तो 12वीं के बाद से ही एमबीए की रणनीति बना लें। इसके लिए ग्रेजुएशन में भी वही विषय लें, जिनसे बाद में एमबीए करने में मदद मिल सके। नौकरी के साथ एमबीए करना चाहते हैं, तो कई बड़े प्रबंधन संस्थानों व विदेशी यूनिवर्सिटी के ऑनलाइन कोर्स भी हैं, जहां से डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व डिग्री कोर्स भी किए जा सकते हैं।
- 15 फीसदी नियोक्ता, आमतौर पर, नए एमबीए ग्रेजुएट्स को देते हैं जॉब, एक सर्वे के अनुसार।
- महीने के अंदर अधिकतर एमबीए ग्रेजुएट को मिल जाती है अपने मन की जॉब, एक अन्य सर्वे के अनुसार।
अंग्रेजी पर पकड़ है बहुत जरूरी
जॉब मार्केट में अच्छी संभावनाओं के लिएएमबीए के साथ अंग्रेजी भाषा पर भी पकड़ हासिल करनी होगी। ऐसे में आपके पास मल्टीनेशनल कंपनियों के मौके आसानी से आएंगे।इस बिंदु को हल्के में न लें।
ई-कॉमर्स में एमबीए की खूब मांग
वैसे तो एमबीए करने वाले अपनी रुचि के अनुसार स्ट्रीम का चयन करते हैं, लेकिन समय की मांग अब बदल चुकी है। अगर आप एमबीए कोर्स करना चाह रहे हैं, तो कुछ खास स्ट्रीम पर ध्यान दें, क्योंकि सर्वाधिक जॉब अब इन क्षेत्रों में ही हैं। इनमें सबसे ऊपर है ई-कॉमर्स में एमबीए डिग्री कोर्स या शॉर्ट टर्म कोर्स। पैनडेमिक के बाद के दौर में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और वर्कफोर्स मैनेजमेंट के क्षेत्र भी उभर कर सामने आए हैं। इसके बाद रिटेल में प्रबंधन, इंश्योरेंस मे प्रबंधन, मार्केटिंग में प्रबंधन, वित्त प्रबंधन, कार्मिक प्रबंधन आदि शाखाएं भी हैं।


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