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जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: एबीवीपी ने जीते संस्कृत सेंटर के काउंसलर्स पद

jantaserishta.com
23 March 2024 12:04 PM GMT
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: एबीवीपी ने जीते संस्कृत सेंटर के काउंसलर्स पद
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नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शुक्रवार को हुए छात्रसंघ चुनाव में बंपर मतदान हुआ। शुरुआती नतीजों में एबीवीपी को संस्कृत सेंटर के सभी काउंसलर के पदों पर जीत मिली है। साइंस सेंटर में भी कुछ पदों पर एबीवीपी ने शुरुआती बढ़त बनाई है। वहीं, विपक्षी वाम समर्थित उम्मीदवारों को भी कई स्थानों पर बढ़त मिली है।
छात्र संघ चुनाव के अंतिम नतीजे रविवार तक आने की उम्मीद है। वोटिंग के बाद मतों की गिनती शुक्रवार रात 9 बजे से होनी थी। बाद में रात 11 बजे का समय चुनाव समिति द्वारा बताया गया, किंतु अंत में वोटो की गिनती रात लगभग 3 बजे से प्रारंभ हो सकी। मतगणना की शुरुआत साइंस संस्थानों के काउंसलर से हुई। शनिवार शाम 4 बजे तक आठ सेंटरों के परिणाम आए हैं, जिनमें एबीवीपी में जोरदार विजय के साथ अपना परचम लहराया। संस्कृत सेंटर के सभी काउंसलर के पदों पर एबीवीपी की जीत हुई है। साइंस सेंटर में भी एबीवीपी शुरुआती बढ़त बनाए हुए है।
स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंसेज, स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड इंटीग्रेटेड साइंसेज, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और स्कूल ऑफ संस्कृत एवं इंडिक स्टडीज में एबीवीपी ने क्लीन स्वीप किया है। शनिवार को दोपहर बाद 3:30 बजे स्कूल ऑफ सोशल साइंस की मतगणना प्रारंभ हुई है।
स्कूल ऑफ लैंग्वेज एंड कल्चरल स्टडीज तथा स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज जैसे बड़े स्कूलों की मतगणना भी अभी बाकी है। दो सीटों के लिए स्पेशल सेंटरो के लिए मतगणना भी अभी होनी है। शनिवार शाम 7 बजे से केंद्रीय पैनल के वोटों की गिनती शुरू होने के संभावना है। मतदाताओं के जागरूक होने के कारण यहां जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में करीब 73 फीसदी मतदान हुआ। पिछली बार के मुकाबले यह लगभग पांच फीसदी अधिक है। साइंस स्कूल के छात्रों ने मतदान में अधिक रुचि दिखाई।
मतदान के बाद एबीवीपी ने जेएनयू छात्रसंघ चुनाव समिति से मतदान में बैलेट पेपर पर तीन सवाल सार्वजनिक करने की मांग रखी है। इनमें बैलेट पेपर की कुल संख्या, कितने प्रयोग हुए और कितने नष्ट किए गए शामिल हैं। जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में संयुक्त वाम गठबंधन के छात्र संगठन ने बिहार के दलित पीएचडी छात्र धनंजय को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने उमेश चंद्र अजमीरा को चुना है, जो मूल रूप से तेलंगाना की एक अनुसूचित जनजाति से हैं।
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