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जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लॉ स्कूलों के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए

jantaserishta.com
7 July 2023 7:14 AM GMT
जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लॉ स्कूलों के साथ एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए
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नई दिल्ली: ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) ने अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अग्रणी लॉ स्कूलों और विश्वविद्यालयों के साथ चार नए अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग समझौते किए हैं जिसमें अमेरिकन यूनिवर्सिटी, ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया और बॉन्ड यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
ये सहयोग मौजूदा उन 200 से ज्‍यादा अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों में नवीनतम हैं जो जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ किए हैं। ये सहयोग लॉ स्कूल की अंतर्राष्ट्रीयकरण के प्रति गहरी प्रतिबद्धता और इस प्रकार अंतर-सांस्कृतिक तथा वैश्विक शिक्षा के अवसरों के निर्माण का परिणाम हैं। विशिष्ट प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय सहयोगों में छात्र और संकाय गतिशीलता कार्यक्रम, दोहरी डिग्री कार्यक्रम, स्नातकोत्तर अध्ययन के मार्ग और संयुक्त अनुसंधान के अवसर शामिल हैं।
नए भागीदार संस्थानों की सूची इस प्रकार है:
अमेरिकन यूनिवर्सिटी वाशिंगटन कॉलेज ऑफ लॉ, अमेरिकन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन डी.सी., अमेरिका
माइकल ई. मोरिट्ज़ कॉलेज ऑफ लॉ, ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी, कोलंबस, ओहायो, अमेरिका
यूएससी गोल्ड स्कूल ऑफ लॉ, साउदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजिल्स, कैलिफोर्निया, अमेरिका
बॉन्ड यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया
इन नए सहयोगों पर विचार करते हुए ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति और जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल के डीन प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए हमारी निरंतर खोज जारी है क्‍योंकि हमें एहसास है कि यह छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए वैश्विक संभावनाएं खोलने की कुंजी है। कानूनी पेशा आज जिस मोड़ पर है और जिस प्रकार के मुद्दों से आधुनिक वकीलों को निपटना पड़ता है उसके लिए कानून की अंतर्राष्‍ट्रीय और तुलनात्मक समझ जरूरी है। ऐसी समझ तभी विकसित हो सकती है जब हम वैश्विक को अपने घरेलू संदर्भों में स्थापित करने में सक्षम हों। हमें सहानुभूति, पारस्परिक सम्मान और आदान-प्रदान के गुण और मूल्यों को विकसित करने की आवश्यकता है, जिन्हें जागरूक और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से व्यक्तियों में विकसित किया जाना चाहिए। ये सभी मौजूदा और आने वाली पीढ़ी के प्रति हमारी साझा जिम्‍मेदारी का हिस्सा हैं। यहीं पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की प्रासंगिकता आती है।"
इन नई साझेदारियों की स्थापना पर टिप्पणी करते हुए जेजीएलएस के कार्यकारी डीन प्रोफेसर (डॉ.) एस.जी. श्रीजीत ने कहा, "जेजीएलएस में पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह एक शानदार अवसर है। इन सहयोगों में छात्र और संकाय गतिशीलता कार्यक्रम, दोहरी डिग्री कार्यक्रम, स्नातकोत्तर अध्ययन मार्ग और संयुक्त अनुसंधान के अवसर शामिल हैं। छात्र गतिशीलता कार्यक्रम छात्रों को अंतर-सांस्कृतिक शिक्षा का अनुभव करने में मदद करते हैं, जो उनमें एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य पैदा करता है, उनकी अंतर-सांस्कृतिक सहानुभूति को बढ़ाता है, और उनके बौद्धिक तथा व्यावसायिक क्षितिज को व्यापक बनाता है। ये अवसर जेजीएलएस छात्रों को बड़े पैमाने पर वैश्विक पेशेवर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करते हैं। संकाय विनिमय कार्यक्रम संयुक्त अनुसंधान और प्रकाशन तथा विश्व स्तर पर प्रासंगिक शिक्षाशास्त्र के विकास को बढ़ावा देता हैं।"
जेजीएलएस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यालय के सामान्य दृष्टिकोण पर जेजीएलएस की एसोसिएट डीन (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) प्रोफेसर मालविका सेठ ने कहा, "अग्रणी अंतर्राष्‍ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी करके वैश्विक कानूनी शिक्षा प्रदान करने की हमारी दृष्टि और महत्वाकांक्षा हमारे छात्रों के लीगल करियर को बनाने में बेहद फायदेमंद साबित हुई है। साथ ही हमारे संकाय सदस्यों को अपने अनुसंधान और शिक्षण विधियों को विकसित करने के लिए एक मंच मिला है। भारत में एक विश्व स्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में हमारी प्रतिबद्धता ने हमें दुनिया भर में विभिन्न साझेदारियां स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है।"
इन विशेष सहयोगों के संभावित परिणामों पर विचार करते हुए जेजीएलएस की सहायक डीन स्मरणिका श्रीवास्तव ने कहा, "ये अवसर एक खुला शैक्षणिक वातावरण बनाते हैं और हमारे छात्र तथा संकायों की क्षमता को अधिकतम करते हैं, जो उन्‍हें समग्र पेशेवर और व्यक्तिगत विकास की ओर ले जाता है। जेजीएलएस ने दुनिया भर के देशों के साथ विविध अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग हासिल किया है। छात्र केंद्रित कार्यक्रम जेजीएलएस छात्रों को उनके करियर में एक कदम आगे बढ़ाते हैं और उन्हें कानूनी दुनिया के लिए अच्छी तरह से तैयार करते हैं। संकाय केंद्रित कार्यक्रम हमारे संकाय को उनके शिक्षण के तौर-तरीकों को विकसित करने और दुनिया भर के साथियों के साथ अनुसंधान में संलग्न होने में मदद करते हैं।"
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