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2 दर्जन से ज्यादा गांवों में आदमखोर तेंदुए की दहशत, शाम के बाद घरों से निकलने में डर रहे लोग

jantaserishta.com
27 Dec 2022 4:00 AM GMT
2 दर्जन से ज्यादा गांवों में आदमखोर तेंदुए की दहशत, शाम के बाद घरों से निकलने में डर रहे लोग
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रांची (आईएएनएस)| झारखंड के गढ़वा-लातेहार जिले के कम से कम दो दर्जन गांवों में पिछले एक पखवाड़े से एक आदमखोर तेंदुए का आतंक इस तरह है कि लोग शाम के बाद अकेले घरों से निकलने तक से परहेज कर रहे हैं। वन विभाग और प्रशासन की कई टीमें इस आदमखोर को पकड़ने के अभियान में जुटी हैं, लेकिन अब तक इसमें सफलता हाथ नहीं लगी है। तेंदुए ने पिछले 16 दिनों में गढ़वा और लातेहार में तीन बच्चों को अपना निवाला बनाया है। कुछ पालतू मवेशी भी मारे गए हैं। आलम यह है कि तेंदुए के कभी रंका तो कभी भंडरिया, कभी बरगड तो कभी चिनिया प्रखंड के किसी गांव में देखे जाने की सूचना मिल रही है। इन सूचनाओं पर वन विभाग जगह-जगह पिंजड़े लगाकर उसकी घेराबंदी की कोशिश कर रहा है। सोमवार को कई लोगों ने तेंदुए के रमना प्रखंड के सिलीदाग और धुरकी के पनघटवा में देखे जाने का दावा किया है। हालांकि रमना वन परिसर पदाधिकारी ध्रुव कुमार के मुताबिक इन इलाकों में कहीं भी तेंदुए का पगमार्क नहीं देखा गया है।
तेंदुए के घूमने की चर्चा के कारण इलाके के किसानों ने गेहूं के पटवन का काम छोड़ दिया है। रविवार रात्रि को सगमा प्रखंड के मकरी गांव स्थित जंगल में तेंदुए ने एक युवक के ऊपर छलांग लगाई थी। निकले मकरी गांव निवासी इंद्रजीत कुशवाहा ने बताया कि वह रात्रि के समय लगभग साढ़े आठ बजे अपने घर के नजदीक मकरी जंगल में शौच के लिर निकला था, इसी बीच एक तेंदुआ उसकी तरह झपटा लेकिन वह झाड़ी में फंस गया। उसने शोर मचाया तो दर्जनों ग्रामीण टायर जलाकर तेंदुआ को भगाने निकले। मकरी वन समिति के अध्यक्ष लालू कुशवाहा ने बताया कि ग्रामीणों को जंगल मे नहीं जाने की सलाह देते हुए वन विभाग को सूचित कर दिया गया है। वन विभाग ने यूपी के मेरठ से तीन पिंजड़े मंगाए हैं। इसके अलावा कई जगहों पर जाल लगाया गया है।
बता दें कि आदमखोर तेंदुए ने गत 10 दिसम्बर को लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर उकामाड़ में एक 12 वर्षीय बच्ची को अपना पहला शिकार बनाया था। दूसरी घटना 14 दिसम्बर को गढवा जिले के भंडरिया प्रखंड के रोदो गांव में हुई। यहां 9 वर्ष के बच्चे को तेंदुए ने मार डाला था और उसके शरीर के आधे हिस्से को खा गया था। तीसरी घटना रंका प्रखंड में 19 दिसम्बर को हुई थी, जब एक सात वषीर्या बच्ची की मौत तेंदुए के हमले में हो गई थी।
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