
झारखंड। चंपई सोरेन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार 16 फरवरी (आज शाम) शाम 4 बजे होना है. बता दें कि भूमि घोटाला केस में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कारण हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद 2 फरवरी को विशेष राजनीतिक परिस्थितियों में गठित नई सरकार में चंपई सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ राज्य में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी शपथ ली थी.
ऐसी अटकलें हैं कि चंपई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन डिप्टी सीएम बनने को तैयार हैं. कांग्रेस के सीएलपी आलमगीर आलम को भी डिप्टी सीएम का बनाया जा सकता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस ने संभावित मंत्रियों की सूची को गुप्त रखा है, जिससे अटकलें और तेज हो गई हैं. दोनों दलों के नेताओं का कहना है कि मंत्री बनने जा रहे विधायकों के नामों का ऐलान उचित समय पर कर दिया जाएगा. झामुमो और कांग्रेस दोनों के सूत्रों से पता चला है कि उन्होंने यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है और आगामी संसदीय चुनावों को देखते हुए पार्टी में विवाद और नाराजगी से दूर रहने के लिए कैबिनेट में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पुराने चेहरों को फिर से मौका देने पर विरोध दर्ज कराया है. उनका आरोप है कि पुराने चेहरों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है.
कांग्रेस के एक विश्वसनीय सूत्र ने मीडिया को बताया कि अंतिम समय तक नाम गोपनीय रहेंगे, सूची सीधे राजभवन भेजी जाएगी. विश्वसनीय सूत्रों ने सीता सोरेन के मंत्री बनाए जाने की अटकलों का खंडन किया है, जिससे संकेत मिलता है कि उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा. झामुमो द्वारा मंत्री पद के लिए परिचित चेहरों को तरजीह देने की संभावना है. बसंत सोरेन एकमात्र अपवाद हो सकते हैं. आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अपने अनुभवी सदस्यों को मंत्रिमंडल में तरजीह दे सकती है. उसके द्वारा तीन मंत्रियों को नामित करने की उम्मीद है. चंपई कैबिनेट में 12वां मंत्री पद कांग्रेस के खाते में जा सकती है और भविष्य में एक महिला विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. गुलाम अहमद मीर रांची में उपस्थिति हैं. कांग्रेस उनके जरिए कैबिनेट विस्तार के बाद अपने विधायकों के बीच उभरने वाले संभावित असंतोष को दूर करने का प्रयास करेगी.