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नशे का कारोबार का कॉरिडोर बना झारखंड, बड़े पैमाने पर हो रही गांजा की तस्करी

Rani Sahu
3 Feb 2022 10:08 AM GMT
नशे का कारोबार का कॉरिडोर बना झारखंड, बड़े पैमाने पर हो रही गांजा की तस्करी
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झारखंड इन दिनों नशे के कारोबार का कॉरिडोर बन गया है

Ranchi: झारखंड इन दिनों नशे के कारोबार का कॉरिडोर बन गया है.झारखंड अब नशे के सौदागरों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन गया है. ड्रग्स की स्मगलिंग के लिए झारखंड का इस्तेमाल गांजा तस्कर कॉरिडोर की तरह कर रहे हैं. इसी राज्य से होकर अफीम व गांजा देश के अन्य दूसरे हिस्सों, खासकर पंजाब, बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली-मुंबई तक पहुंच रहा है. राज्य में अब तक दर्जनभर से अधिक स्थानों से बरामद गांजा का ओडिशा कनेक्शन मिल चुका है. अफीम की खेती और इसकी तस्करी को लेकर झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र हमेशा से बदनाम रहे हैं. रांची, सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, चतरा, लातेहार जिले में सबसे अधिक अफीम की खेती के सबूत मिलते रहे हैं.

अफीम के लिए खूंटी व चतरा सर्वाधिक बदनाम
राज्य में अफीम की खेती के लिए खूंटी व चतरा जिले सर्वाधिक बदनाम रहे हैं. इसके अलावा, रांची, लातेहार, सरायकेला-खरसावां व सिमडेगा जिले के कुछ क्षेत्रों में अफीम की खेती की जानकारी मिलती रही है. एनसीबी की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एकड़ की एकड़ फसल नष्ट करती रही है, लेकिन इस नेटवर्क को अब तक पूरी तरह तोडऩे में नाकाम रही है. हर बार यही जानकारी मिलती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से किसानों को अफीम की खेती में बढ़ावा मिलता है. फसल तैयार होने पर इसकी ऊंची कीमत भी मिलती है.


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