भारत
कुत्तों के आतंक पर झारखंड विधानसभा में छिड़ी बहस, विधायकों ने गिनाईं वारदात
jantaserishta.com
5 March 2023 7:01 AM GMT
x
DEMO PIC
रांची (आईएएनएस)| झारखंड में कुत्तों का आतंक इस कदर है कि बीते एक मार्च को राज्य की विधानसभा में बजट सत्र के दौरान यह सवाल उठा तो जोरदार बहस छिड़ गई। पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्र में कुत्तों के खौफ-आतंक के उदाहरण दिए, वारदातें गिनाईं और सरकार से कदम उठाने की गुहार लगाई। मंत्री ने इसपर जो जवाब दिया, उससे ज्यादातर विधायक संतुष्ट नहीं हुए।
यह समस्या कितनी गंभीर है, इसे सदन में सामने आए आंकड़ों और विधायकों द्वारा पेश किए उदाहरणों से समझा जा सकता है। भाजपा के मुख्य सचेतक और बोकारो की विधायक बिरंची नारायण ने बताया कि अकेले रांची में हर दिन 300 से ज्यादा लोग डॉग बाइट सेंटरों पर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।
कोडरमा क्षेत्र से भाजपा की विधायक नीरा यादव ने कहा कि राज्य के बाकी इलाकों की बात तो छोड़िए, विधानसभा के कैंपस में भी आवारा कुत्तों का आतंक है। वह विधानसभा के लिए सवाल डालने पहुंचती हैं तो इस बात से डरी रहती हैं कि पता नहीं कब कौन सा कुत्ता हमला कर दे।
सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के टुंडी क्षेत्र के विधायक मथुरा महतो ने कहा कि अगर बोकारो में आवारा कुत्ता पकड़ा जाता है तो उसे गाड़ी वाले धनबाद में ले जाकर छोड़ देते हैं। उस इलाके के लोग हाथी से ऐसे ही परेशान हैं, ऊपर से कुत्ते छोड़ दिए जा रहे हैं। यह कहां का न्याय है? मथुरा महतो के इस सवाल का सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। इसपर सदन में थोड़ी देर तक शोर-शराबे की स्थिति बन गई।
बगोदर क्षेत्र के भाकपा माले के विधायक विनोद कुमार सिंह ने कुत्ते के काटने से हो रही मौतों में मुआवजा नहीं मिलने का सवाल उठाया और कहा कि सरकार को कुत्ते के काटने से हो रही मौतों पर भी मुआवाजे का प्रावधान करना चाहिए।
शोर-शराबे के बीच मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने जवाब दिया कि रांची नगर निगम क्षेत्र में ऐसे आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए होप एंड एनिमल ट्रस्ट नामक संस्था के जरिए प्रतिदिन अभियान चला रहा है। प्रतिदिन 10-15 कुत्तों का बंध्याकरण व टीकाकरण किया जा रहा है। चास नगर निगम क्षेत्र में भी इसी तरह की कार्रवाई की जा रही है। रांची, गिरिडीह, धनबाद और देवघर नगर निगम में आवारा कुत्तों का बंध्याकरण व वैक्सिनेशन कराया जा रहा है। वहीं, जमशेदपुर, हजारीबाग और आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में एजेंसी के चयन की प्रक्रिया चल रही है। मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि पूरे राज्य में आवारा कुत्तों का टीकाकरण और बंध्याकरण कराया जाएगा।
विधानसभा में हुई इस पूरी चर्चा से इतर समस्या के अन्य पहलुओं को समझने की कोशिश करते हैं। पालतू कुत्तों की हिंसा की भी कई घटनाएं राज्य के कई शहरों से आती रहती हैं। कुत्तों के टीकाकरण और बंध्याकरण के लिए काम करने वाली संस्था होप एंड एनिमल के डॉ नंदन कुमार बताते हैं कि रांची में डॉग बाइट के जितने केस आते हैं, उनमें ज्यादातर मामले पालतू कुत्तों के होते हैं। रांची के सदर अस्पताल में हर रोज सबसे लंबी लाइन उस काउंटर पर लगती है, जहां एंटी रेबिज का इंजेक्शन नि:शुल्क दिया जाता है। सिर्फ इसी सेंटर पर रोज तकरीबन दो सौ लोगों को एंटी रेबिज इंजेक्शन लगाया जाता है।
चार माह पहले बोकारो के बीएस सिटी थाना क्षेत्र में किसी ने एक नवजात बच्चे को झाड़ी में फेंक दिया था। जब तक लोगों की नजर उसपर पड़ती, कुत्तों ने उसे नोंचकर मार डाला। बीते साल अगस्त में धनबाद के गोविंदपुर में कुत्तों के झुंड ने मुकेश कुमार सिंह नामक व्यक्ति की 7 वर्षीय बच्ची को सड़क पर घेर लिया और नोंचकर मार डाला। यह घटना उसके घर के पास ही हुई थी।
दो साल पहले झारखंड के रामगढ़ में पुलिस मेस में खाना बनाने वाले संतोष उरांव की जान कुत्तों ने ले ली। पुलिस लाइन से महज 50 मीटर दूर कुत्तों ने संतोष पर हमला कर दिया और उसे नोंच-नोंच कर मार डाला। कुत्तों ने उसकी हालत ऐसी कर दी थी कि लाश को देखकर पहचान पाना मुश्किल था।
हाल में जमशेदपुर में भी घर के बाहर खेल रही एक बच्ची पर कुत्तों ने हमला कर लहूलुहान कर दिया। बड़ी मुश्किल से उसकी जान बचाई जा सकी।
धनबाद के सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार की मानें तो निगम की ओर से पिछले दिनों आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया था, तो एनिमल एक्ट का हवाला देकर कुछ संस्थाओं ने विरोध कर दिया। इस वजह से अभियान रोकना पड़ गया था।
समस्या सिर्फ सड़कों और गलियों के आवारा कुत्ते नहीं हैं। घरों में कुत्ते पालने वाले लोगों की लापरवाही भी डॉग बाइट की घटनाओं की एक बड़ी वजह होती है। रांची की बात करें तो यहां लगभग 10 हजार लोगों ने कुत्ते पाल रखे हैं, लेकिन सिर्फ 72 लोगों ने इसके लिए लाइसेंस निर्गत कराया है।
रांची स्थित सरकारी पेट क्लिनिक के चिकित्सक डॉ पंकज कुमार बताते हैं कि सभी पालतू कुत्ते कंपैनियन एनिमल की श्रेणी में आते हैं यानी इनके साथ हर वक्त किसी परिचित व्यक्ति को होना चाहिए। कई लोग इन्हें अकेला या खुला छोड़ देते हैं। ऐसे कुत्ते ही अक्सर दूसरों पर हमला कर देते हैं।
Next Story