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RSS-तालिबान टिप्पणी पर अपने खिलाफ मानहानि के मुकदमा पर जावेद अख्तर ने की खारिज करने की मांग

Kunti Dhruw
3 Jan 2022 2:32 PM GMT
RSS-तालिबान टिप्पणी पर अपने खिलाफ मानहानि के मुकदमा पर जावेद अख्तर ने की खारिज करने की मांग
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बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ठाणे जिले की अदालत में अर्जी दाखिल कर उनके खिलाफ हुए मानहानि (Defamation) के मुकदमे को खारिज करने की मांग की

बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ठाणे जिले की अदालत में अर्जी दाखिल कर उनके खिलाफ हुए मानहानि (Defamation) के मुकदमे को खारिज करने की मांग की, जिसमें उन्होंने आरएसएस (RSS) की तुलना तालिबान संगठन से की थी. 76 वर्षीय गीतकार और फिल्मकार ने मानिहानि केस को परेशान और मेरिटलेस करार दिया है जो केवल उन्हें डराने और थकाने के लिए दायर किया गया था. उन्होंने कहा कि उनकी कथित टिप्पणी आरएसएस या इसके मौजूदा सदस्यों के लिए विशेष रूप से नहीं थी.

अख्तर ने अपने वकील जय भारद्वाज के माध्यम से आवेदन दिया और कोर्ट से आरएसएस कार्यकर्ता विवेक चंपानेरकर द्वारा दायर मुकदमे को खारिज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि चंपानेरकर के पास याचिका दायर करने का अधिकार और कार्रवाई करने का कोई कारण नहीं है.आवेदन में चंपानेरकर ने अपने मुकदमे में अपने लिए कोई हर्जाना नहीं मांगा है बल्कि आरएसएस के लिए राहत की मांग की है. फिलहाल के केस में चंपानेरकर को अपना लक्ष्य प्राप्त हो जाता अगर डिफेंडेट अख्तर डर, धमकी, बढ़ती कानूनी लागत से झुक जाते और आलोचनाओं से डर जाते. लेकिन जीतना उसका मकसद नहीं था. पूर्व राज्यसभा सांसद ने कहा कि मानहानि का मुकदमा सिर्फ वही दायर कर सकता है जिसकी कथित रूप से मानहानि हुई हो.
आवेदन में कहा गया कि अख्तर द्वारा की गई कथित टिप्पण्णी ने तो आरएसएस या आरएसएस के मौजूदा सदस्यों के लिए विशिष्ट रूप से थी. अख्तर द्वारा की गई टिप्पणी सामान्य रूप से कही गई थी ये किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं थी. ऐसे मामलों में जहां कथित तौर पर लोगों के ग्रुप को बदनाम किया गया हो वहा पर कोई भी याचिका दायर कर सकता है.
अदालत ने चंपारनेकर को 10 फरवरी तक अख्तर की अर्जी पर लिखित में जवाब देने को कहा है. अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद चंपानेरकर ने सितंबर 2021 में मुकदमा दायर किया था, जिसमें मुआवजे के रूप में 1 रुपये की मांग की गई थी. अदालत ने 27 सितंबर को अख्तर को नोटिस जारी कर मुकदमे का जवाब मांगा था. अपने मुकदमे में, चंपानेरकर ने दावा किया था कि प्रसिद्ध फिल्मी हस्ती द्वारा दिए गए बयानों ने आम जनता की नजर में आरएसएस की छवि को धूमिल किया है.
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