
जैसलमेर। जैसलमेर प्रदेश की गहलोत सरकार में शुरू किए गए जनता क्लिनिक की पहचान अब शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम पर होगी। इसकी टैगलाइन होगी ‘आरोग्यं परमं धनम्‘। प्रदेश की भाजपा सरकार के आदेश पर चिकित्सा विभाग ने इन केंद्रों का नाम बदलना भी शुरू कर दिया है। जैसलमेर में 2 जगहों पर संचालित …
जैसलमेर। जैसलमेर प्रदेश की गहलोत सरकार में शुरू किए गए जनता क्लिनिक की पहचान अब शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम पर होगी। इसकी टैगलाइन होगी ‘आरोग्यं परमं धनम्‘। प्रदेश की भाजपा सरकार के आदेश पर चिकित्सा विभाग ने इन केंद्रों का नाम बदलना भी शुरू कर दिया है। जैसलमेर में 2 जगहों पर संचालित हो रहे जनता क्लिनिक के नाम बदल दिये गए हैं और अब नए नाम के साथ वही मेडिकल फैसिलिटी मरीजों को दी जा रही है। मेडिकल विभाग के आदेशों के बाद चिकित्सा विभाग को बदले गए नामों को अंकित कर उनके फोटोग्राफ भी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पोर्टल पर अपलोड कर दिए हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 में सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर टैगलाइन ‘आरोग्यम परमं धनम्‘ के साथ आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर करने का निर्देश दिया था। माना जा रहा है कि इसी आदेश के तहत राज्य सरकार ने ये फैसला किया है। दरअसल, प्रदेश में करीब 2 साल पहले कांग्रेस सरकार ने शहरी क्षेत्र में जनता क्लिनिक की शुरुआत की थी। इसे ऐसी जगहों पर शुरू किया गया था जहां जनसंख्या ज्यादा और स्वास्थ्य केंद्रों की सुविधा नहीं थी। ऐसी जगहों का भी चयन हुआ था, जो कि कच्ची बस्ती वाले इलाकों में थे। इसका उद्देश्य था कि नजदीक में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा दी जा सके।
जैसलमेर में 2 जगह हो रहे संचालित NUHM जैसलमेर के डिस्ट्रिक्ट प्रोगाम ऑफिसर विजय सिंह ने बताया कि अब तक व्यवस्था के तहत इन जनता क्लिनिकों पर ठेका एजेंसी के माध्यम से एक मेडिकल ऑफिसर (MO), 2 नर्सिंग ऑफिसर, एक ANM (प्रसाविका), एक फार्मासिस्ट, एक सहायक स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की सेवाएं ली जा रही हैं। पूरे प्रदेश की बात करें तो वर्तमान में 200 से ज्यादा जनता क्लीनिक का संचालन हो रहा है। वहीं जैसलमेर की बात करें तो शहर में बबर मगरा इलाके व रेवंत सिंह की ढाणी में संचालित हो रहे जनता क्लिनिक को आयुष्मान आरोग्य मंदिर आरोग्यं परमं धनम् में मर्ज कर दिया है। इन दोनों जगहों पर मरीजों को वही मेडिकल फेसिलिटी दी जा रही है जो पहले दी जा रही थी।
