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Jammu-Kashmir: शहीद दिवस पर कब्रिस्तान में जाने की मंजूरी नहीं, PDP और NC के नेताओं ने बंद कमरे में दी श्रद्धांजलि
Deepa Sahu
13 July 2021 9:38 AM GMT
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13 जुलाई 1931 के शहीदों की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के लिए नकाशबंध साहब श्रीनगर में शहीदों के कब्रिस्तान में जाने की अनुमति नहीं दिए.
13 जुलाई 1931 के शहीदों की समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि देने के लिए नकाशबंध साहब श्रीनगर में शहीदों के कब्रिस्तान में जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद मंगलवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी समेत बड़े राजनीतिक दलों ने बंद कमरे में कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. किसी भी सभा से बचने के लिए पूरे क्षेत्र में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई थी.
पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर अपना 'गुस्सा' निकालते हुए कहा कि आज शहीद दिवस के मौके पर कब्रिस्तानों की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया है. साथ ही कहा कि ये कश्मीर के इतिहास को तोड़ने और फिर से लिखने का प्रयास केवल कश्मीरियों में हार और लाचारी की भावना पैदा करने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने आगे लिखा कि फिर भी जब हम 13 जुलाई, 1931 के नायकों को श्रद्धांजलि देते हैं, तो जम्मू-कश्मीर की गरिमा की बहाली के लिए प्रयास करने का हमारा संकल्प दृढ़ रहता है.
Nevertheless as we pay homage to the heroes of 13th July, 1931 our resolve to strive for restoration of J&Ks dignity remains firm.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) July 13, 2021
इन शहीदों को सम्मान देना अब अपराध क्यों हो गया?
वहीं पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गुलाम नबी लोन हंजुरा ने कहा कि उनके पास 13 जुलाई के शहीदों को सम्मान देने के लिए अपने पार्टी मुख्यालय में एक समारोह आयोजित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इन शहीदों ने हमें अंधेरे से उजाले की ओर खींचने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. इन शहीदों को सम्मान देना अब अपराध क्यों हो गया है. हम हमेशा इस दिन को मनाएंगे, चाहे कुछ भी हो जाए.
13 जुलाई के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित समारोह में महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी लोन हंजुरा, नईम अख्तर समेत कई पीडीपी नेताओं ने हिस्सा लिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक डॉ फारूक अब्दुल्ला ने भी 13 जुलाई के शहीदों को शानदार श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी मुख्यालय नवा-ए-सुभा में एक समारोह की अध्यक्षता की. इस समारोह में अली मुहम्मद सागर, नासिर असलम वानी और डॉ मुस्तफा कमाल सहित नेशनल कॉन्फ्रेंस के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया.
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