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जम्मू-कश्मीर सरकार ने फिल्म नीति-2021 के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने फिल्म नीति-2021 के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर फिल्म विकास परिषद (जेकेएफडीसी) और एक फिल्म डिवीजन का गठन किया जाएगा। बता दें कि सरकार जम्मू-कश्मीर में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। फिल्म नीति-2021 के कार्यान्वयन को मंजूरी मिलने के साथ ही अब दुनिया भर के फिल्म निर्माता यहां आकर सुंदरता को कैमरे में कैद कर सकेंगे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से दी जा रही वित्तीय प्रोत्साहन व विश्व स्तरीय सुविधाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।
सरकार ने अनापत्ति के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की है ताकि फिल्म निर्माताओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही उपकरण, लोकेशन और प्रतिभाओं की डायरेक्ट्री भी तैयार की है जिससे लोकेशन व प्रतिभाओं के चयन के लिए निर्माताओं को दिक्कतें पेश नहीं आएंगी। नई नीति से स्थानीय प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें आजीविका के अवसर भी मिलेंगे।
बता दें कि 1990 के आतंकवाद के दौर के बाद जम्मू-कश्मीर में हैदर, शिकारा, बजरंगी भाईजान, राजी, रॉकस्टार जैसी फिल्मों को फिल्माया गया है। सरकार एक बार फिर रूपहले पर्दे को जम्मू-कश्मीर की तरफ खींचने की हर कोशिश कर रही है, ताकि देश- दुनिया प्रदेश की खूबसूरती को देख सके। डल झील के शिकारा से लेकर गुलमर्ग की सुंदर वादियों में फिल्म और म्यूजिक एल्बम की शूटिंग हो रही है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद सरकार प्रदेश में रूपहले पर्दे को वादियों की तरफ खींचने की कवायद है। सरकार कश्मीर के साथ जम्मू संभाग में भी फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने की कोशिश में है।
कश्मीर घाटी हमेशा से बॉलीवुड की पहली पंसद रही है। आतंकवाद ने कुछ समय तक बॉलीवुड को घाटी से दूर रखा, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद एक बार फिर से बॉलीवुड घाटी का रुख कर रहा है। कश्मीर घाटी की वादियों में लाइट, एक्शन और कैमरा फिर गूंज रहा है।
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