जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए अलग से 10% कोटा को दी मंजूरी
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कश्मीर। लोकसभा चुनाव कार्यक्रम और आदर्श आचार संहिता की घोषणा से कुछ घंटे पहले जम्मू-कश्मीर की अनुसूचित जनजातियों को केंद्र सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. कारण, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए अलग से 10% कोटा को मंजूरी दे दी है.
इसका सीधा लाभ पहाड़ी जनजातियों- पददारी जनजाति, कोली और गड्डा ब्राह्मण को मिलेगा. इन्हें हाल ही में अनुसूचित जनजाति की कैटेगिरी में शामिल किया गया था. साथ ही इस कोटा का प्रभाव गुज्जर और बकरवाल समुदायों और पहले से ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त अन्य लोगों को मिल रहे कोटा पर नहीं पड़ेगा. वे लोग अलग से अपने 10% कोटा का आनंद लेना जारी रखेंगे.
केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इस बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अटल डुल्लू और उपराज्यपाल के प्रधान सचिव मंदीप कुमार भंडारी शामिल थे. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बैठक में जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) अधिनियम 2023, संविधान (जम्मू और कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) अधिनियम 2024 और जम्मू-कश्मीर सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों के सरकारी आदेश और जम्मू-कश्मीर आरक्षण नियम, 2005 में संशोधन करने के लिए समाज कल्याण विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.