शादी का झांसा देकर बलात्कार करने के मामले में दिल्ली के एडिशनल एडवोकेट जनरल को अदालत ने सजा सुनाई है। दिल्ली में वकालत करने वाले संजीव सहगल को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मानवेंद्र प्रताप सिंह ने जेल भेज दिया। आरोपी एडीशनल एडवोकेट जनरल संजीव सहगल के खिलाफ इंदौर की एक युवती ने ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना में 22 दिसंबर 2020 को दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। विश्वविद्यालय थाना पुलिस संजीव को गिरफ्तार करके ग्वालियर लाई थी और शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया था। यहां संजीव के जमानत आवेदन को निरस्त कर उसे जेल भेज दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता ने 22 दिसंबर 2020 को विश्वविद्यालय थाने में एक लिखित आवेदन दिया था। वह अपने न्यायालयीन कार्य से इंदौर न्यायालय में गयी थी। वहां पीड़िता की आरोपित संजीव से चर्चा हुई। उस समय आरोपित ने पीड़ित से कहा कि उनका आफिस दिल्ली में है, आप दिल्ली आएं। इसके बाद पीड़िता दिल्ली पहुंची। दिल्ली में आरोपित ने कहा कि अभी आपके पास कोई काम नहीं है, इसलिए मैं नौकरी दूंगा। आप मेरे कार्यालय में व्यवस्था मैनेजर का कार्य शुरू कर दें।
आरोपी ने पीड़िता को फोन कर सत्यम रेसीडेंसी अल्कापुरी सिटी सेंटर में अपने कार्यालय में ज्वाइन करने के लिए कहा। इसके बाद पीड़िता ने अपनी दोनों बेटियों को लेकर ग्वालियर आयी और यहां उसने रहना शुरू कर दिया। आरोपित दिल्ली से ग्वालियर आता-जाता रहा और उसने पीड़िता से कहा कि उसका बेटा और पत्नी अमेरिका में रहते हैं। बेटी आस्ट्रेलिया में है, वह इंडिया में अकेला रहता है। इस कारण वह उससे शादी करना चाहता है। आरोपी ने पीड़िता को शादी का झांसा देकर उसके साथ संबंध बनाए। इसके बाद वह 10-15 दिन में उससे मिलता और संबंध बनाता था।