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सिर्फ पुरी में ही निकल पाएगी जगन्नाथ रथ यात्रा, ओडिशा हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
Deepa Sahu
23 Jun 2021 4:08 PM GMT
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ओडिशा हाई कोर्ट ने बुधवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पुरी के अलावा केंद्रपाड़ा और बरगढ़ में निकाले जाने की मांग
ओडिशा हाई कोर्ट ने बुधवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पुरी के अलावा केंद्रपाड़ा और बरगढ़ में निकाले जाने की मांग को लेकर दाखिल 5 याचिकाओं को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ताओं ने केंद्रपाड़ा जिले के साथ-साथ बरगढ़ के भटली में रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने के लिए ओडिशा सरकार को निर्देश देने की मांग की थी. याचिका में यह भी कहा गया था कि इस रथ यात्रा में सिर्फ सेवादार ही शामिल होंगे और कोविड-19 नियमों का पालन किया जाएगा।
हाई कोर्ट ने सरकार के निर्देशों का हवाला देते हुए रथ यात्रा आयोजन में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया. ओडिशा सरकार इस महीने घोषणा की थी कि राज्य में 12 जुलाई को निर्धारित वार्षिक रथ यात्रा कोविड-19 संबंधी प्रोटोकॉल के सख्त अनुपालन के बीच सिर्फ पुरी में आयोजित होगी. इस साल भी श्रद्धालुओं को इसमें हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी के बीच पिछले साल रथ यात्रा की अनुमति देते हुए कहा था कि इसमें आम लोगों की भागीदारी नहीं होगी और पुरी के सभी एंट्री प्वाइंट बंद रहेंगे. साथ ही 500 से ज्यादा सेवकों को इस दौरान रथ खींचने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें इससे पहले कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.
कल देवस्नान पूर्णिमा का होगा आयोजन
रथ यात्रा से पहले गुरुवार को 'देवस्नान पूर्णिमा' मनाया जाएगा. पुरी पुलिस ने इसे श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बगैर आयोजित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. यह उत्सव भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से पहले मनाया जाता है. पुलिस ने कहा कि वह 24 जून के कार्यक्रम में किसी तरह की भीड़भाड़ को रोकने के लिए पाबंदियां लगाएगी. रथ यात्रा के दिन भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, और देवी सुभद्रा के रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर लाया जाएगा, जो कि मुख्य मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर है. रथ यात्रा 12 जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे शुरू होगी और रथों को खीचने की प्रक्रिया शाम चार बजे से शुरू होगी. इसके बाद तीनों देवताओं को 23 जुलाई को मुख्य मंदिर में वापस लाया जाएगा.
रथ यात्रा के लिए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने फैसला लिया है कि सेवकों समेत उन सभी लोगों को आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होगा जो रथ यात्रा से संबंधित धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेंगे. इसमें ऐसे लोग भी शामिल हो सकते हैं, जो कोविड-19 टीके की दोनों खुराक ले चुके हैं. रथ यात्रा में सिर्फ सेवक और मंदिर प्रशासन से जुड़े अधिकारी ही हिस्सा लेंगे.
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