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दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा- राहुल गांधी

jantaserishta.com
21 Jan 2022 3:37 AM GMT
दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा- राहुल गांधी
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नई दिल्‍ली: इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति की मशाल आज हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। शुक्रवार दोपहर इसका एक हिस्‍सा नैशनल वॉर मेमोरियल ले जाया जाएगा। वहां पर अमर चक्र में जल रही जवान ज्‍योति के साथ इसका विलय होगा। इस कदम का कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष व लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने कड़ा विरोध किया है। गांधी ने एक ट्वीट में केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 'कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते...।' राहुल ने लिखा कि 'हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे।'



बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!
इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था।
अमर जवान ज्योति का शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा जोकि इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं।
ब्रिटिश सरकार ने पहले विश्व युद्ध में और अफगान कैंपेन के दौरान मारे गए करीब 84000 भारतीय सैनिकों की याद में इंडिया गेट बनाया था। जिसके बाद 1971 युद्ध में शहीद सैनिकों के सम्मान में इसमें मशाल 'अमर जवान ज्योति' जलाई गई। अब इस मशाल की ज्योति नैशनल वॉर मेमोरियल की मशाल में मिल जाएगी। नैशनल वॉर मेमोरियल में चार चक्र (लेयर) हैं।
सबसे अंदर का चक्र अमर चक्र है जिसमें 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है जिसमें अमर ज्योति जल रही है। दूसरी लेयर है वीरता चक्र, जिसमें आर्मी, एयर फोर्स और नेवी द्वारा लड़ी गई छह अहम लड़ाइयों को बताया गया है। तीसरी लेयर त्याग च्रक में शहीद सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी। यह नाम 1.5 मीटर की दीवार पर लिखे हैं। सुरक्षा चक्र में 695 पेड़ हैं जो देश की रक्षा में तैनात जवानों को दर्शाते हैं।
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