भारत
'फर्क नहीं पड़ता...' , जी-20 समिट में शी जिनपिंग और पुतिन के भारत नहीं आने पर एस जयशंकर ने कहा
jantaserishta.com
6 Sep 2023 4:37 AM GMT
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जयशंकर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "अलग-अलग समय पर जी-20 में कोई न कोई राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं, जो किसी वजह से खुद नहीं आ पाए हैं। इससे फर्क नहीं पड़ता। मायने यह रखता है कि उस देश का पक्ष और स्थिति क्या है और वह इसी बात से साफ हो जाता है कि वह अपने किस प्रतिनिधि को जी-20 के लिए भेजता है। मुझे लगता है कि जी-20 में सभी काफी गंभीरता के साथ आ रहे हैं।"
नई दिल्ली: भारत की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को G-20 समिट होने जा रहा है. इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग हिस्सा नहीं लेंगे. इन दोनों नेताओं के जी-20 समिट में हिस्सा न लेने पर भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर की प्रतिक्रिया सामने आई है. जयशंकर ने कहा, मुझे लगता है कि G20 में अलग-अलग समय पर कुछ ऐसे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने किसी वजह से न आने का फैसला किया है. लेकिन उस अवसर पर जो भी उस देश का प्रतिनिधि होता है, वह अपने देश और उसकी स्थिति को सामने रखता है. मुझे लगता है कि हर कोई बहुत गंभीरता के साथ आ रहा है.
दरअसल, भारत में हो रही जी-20 समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं होंगे. उनकी जगह चीनी पीएम ली कियांग के नई दिल्ली में 9-10 सितंबर की बैठक में बीजिंग का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे. उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह भारत नहीं आ रहे हैं और उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जी-20 समिट में हिस्सा लेंगे.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब शी जिनपिंग के भारत न आने की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा, चीनी प्रीमियर ली चियांग भारत में होने वाले जी-20 सम्मेलन में देश का नेतृत्व करेंगे. अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए जी-20 एक अहम मंच है. इस सम्मेलन के कार्यक्रमों में शामिल होना चीन के लिए बेहद अहम है. इस जी-20 समिट में ली चियांग चीन का पक्ष और प्रस्ताव पेश करेंगे. हमारा मकसद है कि समूह देशों के बीच सहयोग बना रहे और वैश्विक आर्थिक, विकास से जुड़ी चुनौतियों का मिलकर सामना किया जाए. सभी पक्षों के साथ मिलकर जी-20 को सफल बनाने के लिए हम तैयार हैं ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में जल्द सुधार हो.'' हालांकि, उन्होंने शी जिनपिंग के भारत न आने के पीछे की वजह नहीं बताई.
भारत और चीन के बीच 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद से तनाव चल रहा है. इसके बाद से दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव की स्थिति बनी हुई है. दोनों देशों के बीच शांति बहाली को लेकर कई दौर की बातचीत हो चुकी है. भारत शुरुआत से ही एलएसी पर शांति और सौहार्द को बनाए रखने की पैरवी करता आया है. भारत और चीन में तनाव के बीच जिनपिंग के नई दिल्ली में होने वाले जी-20 समिट में शामिल न होने के फैसले के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज, जर्मनी के चांसलर ऑल्फ स्कॉल्ज, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनैकियो लूला डि सिल्वा सहित जी20 के कई नेता इस सम्मेलन में शिरकत करने आ रहे हैं.
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