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मुद्दा गर्माया: सरकारी स्कूल में नमाज पढ़ने का हिंदू संगठनों ने किया विरोध, सरकार ने दिए जांच के आदेश

jantaserishta.com
25 Jan 2022 11:13 AM GMT
मुद्दा गर्माया: सरकारी स्कूल में नमाज पढ़ने का हिंदू संगठनों ने किया विरोध, सरकार ने दिए जांच के आदेश
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जानिए पूरा मामला।

बेंगलुरु: कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर उमजा विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ कि एक सरकारी स्कूल में नमाज पढ़ने का मामला गर्मा गया है। घटना एक सप्ताह पहले बताई जा रही है। अब मामले में जिला प्रशासन ने इन दावों की जांच के आदेश जारी किए हैं कि इस घटना को लेकर स्कूल प्रबंधन की मिली भगत थी। आरोप है कि कोलार में स्कूल प्रबंधन ने स्कूली छात्रों को कक्षा में नमाज पढ़ने की अनुमति दी थी।

उडुपी के सरकारी कॉलेज में मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के बाद मामला शांत नहीं हुआ कि राज्य में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कोलार के डीएम ने सरकारी स्कूल में छात्रों के नमाज पढ़ने को लेकर स्कूल प्रंबंधन की कथित सहमति के आदेश दिए हैं। घटना को लेकर रविवार के दिन विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। बताया जा रहा है कि कक्षा के अंदर नमाज अदा करने वाले छात्रों का एक वीडियो कथित तौर पर शुक्रवार को शूट किया गया था, ये वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने उसी दिन स्कूल में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री नागेश ने जानकारी दी कि स्कूल के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो इस घटना में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कोलार की यह घटना बहुत खराब है। कोई संस्था ऐसी चीजों की इजाजत नहीं दे सकती। हमने सभी संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द स्कूल का दौरा करने को कहा है। चूंकि घटना के दो दिन बाद सप्ताहांत था, इसलिए स्कूल का दौरा संभव नहीं था। अब वे स्कूल का दौरा करेंगे और वहां क्या हुआ इसकी विस्तृत रिपोर्ट देंगे। हम रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
वहीं, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पिछले साल दिसंबर से स्कूल में नमाज की इजाजत दी जा रही है। एक स्थानीय निवासी और एक दक्षिणपंथी समूह के सदस्य रामकृष्ण ने मीडिया को बताया कि प्रिंसिपल ने बिना किसी अधिकारी से सलाह लिए छात्रों को इसकी अनुमति दी। छात्रों को स्कूल के अंदर खुद प्रार्थना करने की अनुमति दी है। यह स्वीकार्य नहीं है। हम कार्रवाई की मांग करते हैं।
हालांकि स्कूल की प्रधानाध्यापिका उमा देवी ने मीडिया को बताया कि उन्हें स्कूल में किसी प्रार्थना सभा की जानकारी नहीं थी। छात्रों ने इसे स्वयं किया। जब यह हुआ तब मैं वहीं नहीं थी। प्रखंड शिक्षा अधिकारी ने फोन किया और कहा कि यह स्कूल में हो रहा है तब मैं वहां पहुंची। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी गिरिजेश्वरी देवी के अनुसार, स्कूल में मुस्लिम समुदाय के लगभग 165 छात्र हैं, जबकि स्कूल में कुल संख्या 375 है। स्कूल के ठीक बगल में एक मस्जिद है। उनके वहां नमाज के लिए जाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन अंदर नमाज की इजाजत देने का कोई प्रावधान नहीं है।
जनवरी की शुरुआत में उडुपी के महिला सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में आठ मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया था। लड़कियों में से एक, आलिया बानो ने कहा था कि कॉलेज खराब स्वास्थ्य के आधार पर छुट्टी के आवेदन की मांग कर रहा है। एक अन्य छात्रा आलिया असदी ने कहा कि अगर उन्होंने अपना स्कार्फ नहीं हटाया तो उन्हें कक्षा से बाहर करने की धमकी दी गई थी।
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