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देश के चप्पे-चप्पे पर आसमान से नजर रखने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो जल्द ही दो अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट लांच करेगा
देश के चप्पे-चप्पे पर आसमान से नजर रखने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो जल्द ही दो अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट लांच करेगा। इसरो ईओएस-3 और ईओएस-4 को सितंबर से पहले लांच करने की तैयारी में जुटा है।
इसरो ने कहा- ईओएस-4 या रीसैट-1ए को सितंबर में पीएसएलवी से छोड़ा जाएगा
इसरो ने दोनों सेटेलाइट छोड़ने की तारीख तो नहीं बताई है, लेकिन यह कहा है कि ईओएस-4 या रीसैट-1ए को सितंबर में ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यानी (पीएसएलवी) से छोड़ा जाएगा। इससे पहले ईओएस-3 या जियो इमेजिंग सेटेलाइट-1 (जीसैट-1) को लांच किया जाएगा।
ईओएस-4 रडार इमेजिंग सेटेलाइट बादलों के बीच पृथ्वी की तस्वीरें ले सकेगा
ईओएस-4 रडार इमेजिंग सेटेलाइट है, जिसमें सिंथेटिक एपेर्चर रडार (एसएआर) लगा है। यह बादलों के बीच भी दिन-रात पृथ्वी की तस्वीरें ले सकेगा। इस खासियत के चलते यह उपग्रह देश की सुरक्षा के लिए बहुत ही अहम साबित होगा। इस उपग्रह का वजह 1,858 किलोग्राम है और यह पांच साल तक काम करता रहेगा।
इसरो ने कहा- उपग्रह जल, जमीन और पर्यावरण की इमेजिंग डाटा भेजेगा
इसरो ने कहा कि यह उपग्रह जल, जमीन और पर्यावरण से जुड़े विभिन्न तरह की इमेजिंग डाटा भेजेगा, जो कृषि, वानिकी और जल संसाधन प्रबंधन के लिए अहम होगा।
ईओएस-3 या जीसैट-1 अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट, देश के अहम स्थलों पर रहेगी नजर
ईओएस-3 या जीसैट-1 भू-स्थिर कक्षा में स्थापित किए जाने वाला पहला अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट होगा। यह उपग्रह पृथ्वी के घूर्णन के साथ तालमेल बिठाकर चलेगा इसलिए स्थिर नजर आएगा। इसकी वजह से देश के लिए अहम स्थलों पर उसकी बराबर नजर बनी रहेगी। अभी तक पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित रिमोट सेंसिंग उपग्रह की नजर किसी स्थान पर कुछ-कुछ अंतराल पर पड़ती है।
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