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नई दिल्ली: देशवासियों के लिए रविवार की सुबह एक अच्छी खबर लेकर आई। रविवार देर रात जब पूरा देश नींद के आगोश मे जा चुका था तब चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद के सबसे करीब पहुंच गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक अब चांद से इसकी दूरी मात्र 25 किलोमीटर रह गई है। इसरो की ओर से बताया गया कि रविवार की देर रात विक्रम लैंडर की रफ्तार को दूसरी बार कम किया गया।
इस डीबूस्टिंग प्रक्रिया के बाद लैंडर 25 गुना 135 किलोमीटर की कक्षा में पहुंच गया है। यानी चांद की सतह से इसकी अधिकतम दूरी 100 किलोमीटर और न्यूनतम दूरी 25 किलोमीटर रह गई है। इस सबसे कम दूरी से यह 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा। इस दौरान इसकी रफ्तार करीब 2 मीटर प्रति सेकेंड के आसपास होगी।
वैज्ञानिकों का मानना आने वाले कुछ क्षण इस मिशन के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाले है। इस समय चंद्रयान-3 'चिंता के आखिरी क्षण' वाले चरण में हैं। यह वह समय है जब चंद्रयान-3 अधिक चुनौतीपूर्ण स्थिति में पहुंच गया है। हालांकि इसरो का कहना है कि अभी तक सब कुछ तय कार्यक्रम के हिसाब से चल रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि किसी भी स्पेस मिशन के अंतिम क्षणों को ‘चिंता के आखिरी क्षण’ की संज्ञा दी जा ती है। यह वह समय होता है जब लैंडर और रोवर उस ग्रह की सतह पर लैंड करता है।
लैंडर विक्रम को अब अपने दिमाग पूरा इस्तेमाल करना होगा। यह अपने सेंसर और कैमरों की मदद से लैंडिंग की मुफीद जगह तलाशेगा। फिर अपनी रफ्तार को लगभग शून्य कर लेगा। फिर धीरे-धीरे चांद पर इसके चारों पाएं कदम टिकाएंगे। बताया जा रहा कि 12 डिग्री के झुकाव के साथ चांद पर उतरेगा। इसके बाद प्रज्ञान रोवर इससे बाहर आएगा। वह 14 दिन तक चांद की सतह पर परीक्षण करेगा।
Chandrayaan-3 Mission:The second and final deboosting operation has successfully reduced the LM orbit to 25 km x 134 km. The module would undergo internal checks and await the sun-rise at the designated landing site. The powered descent is expected to commence on August… pic.twitter.com/7ygrlW8GQ5
— ISRO (@isro) August 19, 2023
jantaserishta.com
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